त्रिशूल अस्त्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:41, 7 July 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "हिन्दु " to "हिन्दू ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
30px यह लेख पौराणिक ग्रंथों अथवा मान्यताओं पर आधारित है अत: इसमें वर्णित सामग्री के वैज्ञानिक प्रमाण होने का आश्वासन नहीं दिया जा सकता। विस्तार में देखें अस्वीकरण

ताम्र त्रिशूल|thumb|150px त्रिशूल प्राचीन भारतीय अस्त्र है। इस अस्त्र का नाम कई हिन्दू देवी-देवताओं के साथ जोड़ा जाता है। महाभारत के युद्ध में भी त्रिशूल का प्रयोग बहुत किया है।

  • त्रिशूल का नाम मुख्य रूप से भगवान शिव और देवी दुर्गा के साथ जोड़ा जाता है।
  • यह एक परंपरागत भारतीय हथियार है। इसका एक हिन्दू धार्मिक चिन्ह की तरह भी प्रयोग होता है।
  • त्रिशूल अस्त्र तीन चोंच वाला धात्विक सिर का भाला या हथियार होता है, जो कि लकडी़ या बांस के डंडे पर भी लगा हो सकता है। यह हिन्दू भगवान शिव के हाथ में शोभा पाता है।
  • त्रिशूल के तीन सिरों के कई अर्थ लगाए जाते हैं-
  1. यह त्रिगुण मई सृष्टि का परिचायक है।
  2. तीन गुण 'सत्व', 'रज' तथा 'तम' का यह परिचायक है।
  3. यह त्रिदेव का परिचायक है।[1]


  • त्रिशूल देवी दुर्गा के हाथों में भी शोभा पाता है। विशेषकर उनके महिषासुर मर्दिनी रूप में। वे इससे महिषासुर राक्षस को मारती हुई दिखाई देतीं हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

  1. यद्यपि यह अर्थ कुछ उचित प्रतीत नहीं होता है।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः