गीता 2:23: Difference between revisions

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इस आत्मा को शस्त्रादि नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और [[वायु देव|वायु]] नहीं सुखा सकता  ।।23।।  
इस [[आत्मा]] को शस्त्रादि नहीं काट सकते, इसको [[आग]] नहीं जला सकती, इसको [[जल]] नहीं गला सकता और [[वायु देव|वायु]] नहीं सुखा सकता  ।।23।।  


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
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Latest revision as of 06:44, 4 January 2013

गीता अध्याय-2 श्लोक-23/ Gita Chapter-2 Verse-23


नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारूत: ।।23।।




इस आत्मा को शस्त्रादि नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और वायु नहीं सुखा सकता ।।23।।


Weapons cannot cut it, nor can fire burn it; water cannot wet it nor can wind dry it.(23)


एनम् = इस आत्माको ; शस्त्राणि = शस्त्रादि ; न = नहीं ; छिन्दन्दि = काट सकते हैं ; (और) ; एनम् =इसको ; पावक: = आग ; क्लेदयन्ति = गीला कर सकते हैं ; च = और ; दहति = जला सकती है (तथा) ; एनम् = इसको ; आप: = जल ; न = नहीं ; मारूत: = वायु ; शोषयति = सुखा सकता है|



अध्याय दो श्लोक संख्या
Verses- Chapter-2

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 , 43, 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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