गीता 9:26: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
||
Line 8: | Line 8: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
भगवान् की [[भक्ति]] का भगवत्प्राप्ति रूप | भगवान् की [[भक्ति]] का भगवत्प्राप्ति रूप महान् फल होने पर भी उसके साधन में कोई कठिनता नहीं हैं, बल्कि उसका साधन बहुत ही सुगम है- यह बात दिखलाने के लिये भगवान् कहते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> |
Latest revision as of 14:08, 30 June 2017
गीता अध्याय-9 श्लोक-26 / Gita Chapter-9 Verse-26
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||