अंगराज (लोमपाद): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अंगराज|लेख का नाम=अंगर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*राजा लोमपाद ने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु [[विभांडक ऋषि|ऋषि विभांडक]] के पुत्र [[ऋष्यश्रृंग]] को गाणिकाओं की सहायता से अपने राज्य में उपस्थित करवाया था और तब [[वर्षा]] हुई थी। | *राजा लोमपाद ने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु [[विभांडक ऋषि|ऋषि विभांडक]] के पुत्र [[ऋष्यश्रृंग]] को गाणिकाओं की सहायता से अपने राज्य में उपस्थित करवाया था और तब [[वर्षा]] हुई थी। | ||
*लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या [[शांता]] ब्याह दी थी। | *लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या [[शांता]] ब्याह दी थी। इसी नाते ऋष्यश्रृंग ने [[दशरथ]] से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=07|url=|ISBN=}}</ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
Line 10: | Line 10: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{महाभारत}} | {{महाभारत}} | ||
[[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]] | [[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]][[Category:हिंदी शब्द सागर]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:10, 8 January 2020
चित्र:Disamb2.jpg अंगराज | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अंगराज (बहुविकल्पी) |
अंगराज हिन्दू धार्मिक ग्रंथानुसार राजा लोमपाद को कहा गया है।
- राजा लोमपाद ने अपने राज्य में अनावृष्टि को समाप्त करने हेतु ऋषि विभांडक के पुत्र ऋष्यश्रृंग को गाणिकाओं की सहायता से अपने राज्य में उपस्थित करवाया था और तब वर्षा हुई थी।
- लोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को अपनी कन्या शांता ब्याह दी थी। इसी नाते ऋष्यश्रृंग ने दशरथ से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 07 |