कर्ण पर्व महाभारत: Difference between revisions
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Revision as of 05:51, 2 May 2010
कर्ण पर्व / Karna Parv
कर्ण पर्व के अन्तर्गत कोई उपपर्व नहीं है और अध्यायों की संख्या 96 है। इस पर्व में द्रोणाचार्य की मृत्यु के पश्चात कौरव सेनापति के पद पर कर्ण का अभिषेक, कर्ण के सेनापतित्व में कौरव सेना द्वारा भीषण युद्ध, पाण्डवों के पराक्रम, शल्य द्वारा कर्ण का सारथि बनना, अर्जुन द्वारा कौरव सेना का भीषण संहार, कर्ण और अर्जुन का युद्ध, कर्ण के रथ के पहिये का पृथ्वी में धँसना, अर्जुन द्वारा कर्णवध, कौरवों का शोक, शल्य द्वारा दुर्योधन को सान्त्वना देना आदि वर्णित है।