यांगून: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Adding category Category:विदेशी नगर (को हटा दिया गया हैं।))
Line 16: Line 16:
{{विदेशी स्थान}}
{{विदेशी स्थान}}
[[Category:विदेशी स्थान]]
[[Category:विदेशी स्थान]]
[[Category:विदेशी नगर]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 06:49, 3 April 2012

यांगून म्यांमार की पुरानी राजधानी है। पहले यह 'रंगून' के नाम से प्रसिद्ध थी। वर्तमान समय में यह म्यांमार का सबसे बड़ा शहर है। यांगून दक्षिणी म्यांमार के मध्यवर्ती भाग में, रंगून नदी के किनारे, मर्तबान की खाड़ी तथा इरावती नदी के मुहाने से 20 मील उत्तर में, सागरतल से केवल 20 फुट की ऊँचाई पर स्थित है, जो कि सबसे बड़ा नगर तथा प्रमुख बंदरगाह है। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 99.6 इंच होती है। समीपवर्ती क्षेत्र में धान की कृषि अधिक मात्रा में होती है।

भारतीय इतिहास में भी इस शहर की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। मुग़ल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र की मृत्यु 86 वर्ष की अवस्था में 7 नवंबर, 1862 ई. को यांगून में ही हुई और उसे यहीं पर दफनाया गया था।

निर्यात

बंदरगाह से चावल, टीक तथा अन्य लकड़ियाँ, खालें, पेट्रोलियम से निर्मित पदार्थ तथा चाँदी, सीसा, जस्ता तथा ताँबे की वस्तुओं का निर्यात होता है। वायुमार्ग, नदीमार्ग तथा रेलमार्ग यातायात के प्रमुख साधन हैं।

उद्योग और शिक्षा

विद्युत संस्थान, रेशमी एवं ऊनी कपड़े, लकड़ी चिराई का काम, रेलवे के सामान, जलयान निर्माण तथा मत्स्य उद्योग में काफ़ी उन्नति हो गई है। यहाँ पर सभी आधुनिक वस्तुएँ जैसे बड़े-बड़े होटल, सिनेमाघर, भंडार, पगोडा, गिरजाघर, पार्क, वनस्पतिक उद्यान, अजायबघर तथा विश्वविद्यालय आदि हैं।

इमारत

यहाँ की सबसे प्रमुख इमारत श्वेड्रैगन पगोडा है, जो सागर तल से 168 फुट की ऊँचाई पर बना है। यह पगोडा 368 फुट ऊँचा, 900 फुट लंबा तथा 685 फुट चौड़ा है तथा इसके ऊपर सोने की पन्नी चढ़ी हुई है। इस नगर को युद्ध तथा ज्वालामुखी के विस्फोटों से काफ़ी हानि उठानी पड़ी है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख