धेनुक: Difference between revisions
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Latest revision as of 10:34, 26 August 2014
धेनुक भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा के परवर्ती प्रदेश में रहने वाली विदेशी जाति थी। महाभारत में अन्य विदेशी जातियों के नामों में धेनुकों की भी गणना है-
'मारुता: धेनुकाश्चैव तंगणा: परतंगणा:'[1]
- महाभारत, सभापर्व[2] में तंगणों और परतंगणों को शैलोदा नदी (वर्तमान खोतन) के तटवर्ती प्रदेश में स्थित माना है। इसी सूत्र के आधार पर धेनुकों के देश की स्थिति भी मध्य एशिया की इसी नदी के पार्श्व में माननी चाहिए।
- धेनुक जाति के योद्धाओं ने महाभारत युद्ध में पांडवों की ओर से युद्ध में भाग लिया था।
- श्रीमद्भागवत[3] में धेनुक नाम के एक असुर का भी उल्लेख हुआ है-
'फलानि तत्र भूरीणि पतन्ति च, सन्ति किंतवरुद्धानि धेनुकेन दुरात्मना'।
- असुर धेनुक को श्रीकृष्ण ने बालपन में मारा था। शायद इस असुर का संबंध धेनुक देश से रहा हो।
- धेनुक नाम से ऐसा प्रतीत होता है कि यह किसी विजातीय शब्द का संस्कृत रूपान्तरण है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 468 |