विष्णुप्राप्ति व्रत: Difference between revisions

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
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'''हे देवों में सर्वश्रेष्ठ, हे पृथ्वी के आश्रय, मेरे इन पुष्पों को कृपापूर्वक ग्रहण करके, हे भगवान [[विष्णु]] मुझ पर प्रसन्न हों'''  
'''हे देवों में सर्वश्रेष्ठ, हे पृथ्वी के आश्रय, मेरे इन पुष्पों को कृपापूर्वक ग्रहण करके, हे भगवान [[विष्णु]] मुझ पर प्रसन्न हों'''  


नामक मंत्र के साथ में विष्णु की पूजा करनी चाहिए। *व्यंजन, चावल या जौ या नीवार (जंगली चावल, तिन्नी आदि) के साथ श्यामक (सावाँ) या साठी <ref>(वह धान जो कि 60 दिनों में हो जाता है)</ref> पर निर्वाह करना करना चाहिए।
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Latest revision as of 12:55, 27 July 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत द्वादशी पर करना चाहिए।
  • इसमें 'नमो नारायणाय' के साथ सूर्य को अर्ध्य, श्वेत पुष्पों एवं

हे देवों में सर्वश्रेष्ठ, हे पृथ्वी के आश्रय, मेरे इन पुष्पों को कृपापूर्वक ग्रहण करके, हे भगवान विष्णु मुझ पर प्रसन्न हों

नामक मंत्र के साथ में विष्णु की पूजा करनी चाहिए। *व्यंजन, चावल या जौ या नीवार (जंगली चावल, तिन्नी आदि) के साथ श्यामक (सावाँ) या साठी [1] पर निर्वाह करना करना चाहिए।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वह धान जो कि 60 दिनों में हो जाता है
  2. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 343-344); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1203-1204, भविष्यपुराण से उद्धरण)।

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