गीता 10:31: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "०" to "0")
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
<table class="gita" width="100%" align="left">
<table class="gita" width="100%" align="left">
<tr>
<tr>
Line 10: Line 9:
<div align="center">
<div align="center">
'''पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् ।'''<br/>
'''पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् ।'''<br/>
'''झषाणां मकरश्चास्मि स्त्रोतसामस्मि जाह्रवी ।।31।।'''
'''झषाणां मकरश्चास्मि स्तोत्रसामस्मि जाह्रवी ।।31।।'''
</div>
</div>
----
----
Line 20: Line 19:
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|


मैं पवित्र करने वालों में [[वायु]] और शस्त्रधारियों में श्री<balloon link="राम " title="भगवान् विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं ।  ये अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे।
मैं पवित्र करने वालों में [[वायु देव|वायु]] और शस्त्रधारियों में [[श्रीराम]]<ref>भगवान् [[विष्णु]] के 10 [[अवतार|अवतारों]] में से एक हैं। ये [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] और रानी [[कौशल्या]] के सबसे बड़े पुत्र थे।</ref> हूँ तथा [[मछली|मछलियों]] में [[मगरमच्छ|मगर]] हूँ और नदियों में श्री भागीरथी [[गंगा]]<ref>[[भारत]] की सर्वाधिक पवित्र पुण्य सलिला नदी है। राजा [[भगीरथ]] तपस्या करके गंगा को [[पृथ्वी]] पर लाये थे।</ref> हूँ ।।31।।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">राम</balloon> हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्री भागीरथी <balloon link="गंगा " title="भारत की सर्वाधिक पवित्र पुण्य सलिला नदी है । राजा भगीरथ तपस्या करके गंगा को पृथ्वी पर लाये थे।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">गंगा</balloon>जी हूँ ।।31।।


| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
Line 32: Line 30:
|-
|-
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" |
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" |
पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें;  झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; स्त्रोतसाम् = नदियों में; जाह्रवी = श्रीभागीरथी गगडा;
पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें;  झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; स्तोत्रसाम् = नदियों में; जाह्रवी = श्रीभागीरथी गगडा;
|-
|-
|}
|}
Line 56: Line 54:
<tr>
<tr>
<td>
<td>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{गीता2}}
{{गीता2}}
</td>
</td>

Latest revision as of 13:46, 5 January 2013

गीता अध्याय-10 श्लोक-31 / Gita Chapter-10 Verse-31


पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम् ।
झषाणां मकरश्चास्मि स्तोत्रसामस्मि जाह्रवी ।।31।।



मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्रधारियों में श्रीराम[1] हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्री भागीरथी गंगा[2] हूँ ।।31।।

Among purifiers, I am the wind; among warriors, I am sri Rama. Among fishes, I am the shark; and among streams, I am the ganges. (31)


पवताम् = पवित्र करनेवालोंमें; पवन: =वायु(और); शस्त्रभृताम् = शस्त्रधारियोंमें; झषाणाम् = मछलियों में; मकर: = मगरमच्छ; स्तोत्रसाम् = नदियों में; जाह्रवी = श्रीभागीरथी गगडा;



अध्याय दस श्लोक संख्या
Verses- Chapter-10

1 | 2 | 3 | 4, 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भगवान् विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं। ये अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे।
  2. भारत की सर्वाधिक पवित्र पुण्य सलिला नदी है। राजा भगीरथ तपस्या करके गंगा को पृथ्वी पर लाये थे।

संबंधित लेख