देव्या रथयात्रा: Difference between revisions
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Revision as of 06:55, 7 December 2010
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- पंचमी, सप्तमी, नवमी, एकादशी या तृतीया को या शिव एवं गणेश के दिनों में राजा ईंटों या प्रस्तर खण्डों से एक ढाँचा खड़ा करके उसमें देवी की प्रतिमा प्रतिस्थापित करता है।
- वह सोने के धागों से सजाकर एक रथ तैयार करके उसमें देवी को रखता है और तब पुरुषों एवं नारियों के एक जुलूस में देवी को अपने निवास पर ले जाता है।
- इसमें नगर, गलियाँ, घर, द्वार सजे एवं दीपित रहते हैं।
- इससे सुख, गौरव, समृद्धि एवं पुत्रों की प्राप्ति होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि व्रतखण्ड 2, 420-424
अन्य संबंधित लिंक
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