नन्दादि विधि: Difference between revisions
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*उस दिन नक्त होता है, घी से सूर्य प्रतिमा को स्नान कराया जाता है तथा अगस्त्य के पुष्प चढ़ाये जाते हैं। | *उस दिन नक्त होता है, घी से सूर्य प्रतिमा को स्नान कराया जाता है तथा अगस्त्य के पुष्प चढ़ाये जाते हैं। |
Revision as of 08:23, 20 February 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- रविवार के बारह नाम हैं, यथा—नन्द, भद्र आदि होते हैं।
- माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी वाला रविवार नन्द कहलाता है।
- उस दिन नक्त होता है, घी से सूर्य प्रतिमा को स्नान कराया जाता है तथा अगस्त्य के पुष्प चढ़ाये जाते हैं।
- गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।
अन्य संबंधित लिंक
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