लिंगार्चन व्रत: Difference between revisions

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*[[कार्तिक]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[त्रियोदशी]] पर जब कि [[शनिवार]] हो लिंगार्चनव्रत किया जाता है।
*[[कार्तिक]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[त्रियोदशी]] पर जब कि [[शनिवार]] हो लिंगार्चनव्रत किया जाता है।
*लिंगार्चनव्रत में [[शिव]] के एक सौ नामों का जप करना चाहिए।  
*लिंगार्चनव्रत में [[शिव]] के एक सौ नामों का जप करना चाहिए।  

Revision as of 18:41, 25 February 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • कार्तिक शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी पर जब कि शनिवार हो लिंगार्चनव्रत किया जाता है।
  • लिंगार्चनव्रत में शिव के एक सौ नामों का जप करना चाहिए।
  • पंचामृत से लिंग स्नान किया जाता है।
  • प्रदोष के समय लिंग रूप में शिव पूजा की जाती है।
  • स्कन्दपुराण[1] ने वर्णन किया है और सौ नाम दिये हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्कन्दपुराण 1|17|59-61)

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