वरदा चतुर्थी: Difference between revisions

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*[[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[चर्तुथी]] तिथि पर वरदाचतुर्थी व्रत किया जाता है।
*[[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[चर्तुथी]] तिथि पर वरदाचतुर्थी व्रत किया जाता है।
*वरदाचतुर्थी पर [[गौरी]] देवता की पूजा की जाती है।
*वरदाचतुर्थी पर [[गौरी]] देवता की पूजा की जाती है।

Revision as of 18:42, 25 February 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • माघ शुक्ल पक्ष की चर्तुथी तिथि पर वरदाचतुर्थी व्रत किया जाता है।
  • वरदाचतुर्थी पर गौरी देवता की पूजा की जाती है।
  • वरदाचतुर्थी व्रत नारियों के लिए होता है।
  • गदाधरपद्धति[1], हेमाद्रि[2] में गौरी चतुर्थी का उल्लेख है, जो यही है।
  • निर्णयसिन्धु[3] के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चर्तुथी को वरदचतुर्थी है, किन्तु पुरुषार्थचिन्तामणि[4] के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल की चर्तुथी को इस नाम से पुकारा जाता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (गदाधरपद्धति कालसार 771)
  2. (हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 531)
  3. (निर्णयसिन्धु 133)
  4. (पुरुषार्थचिन्तामणि 95)

संबंधित लेख

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