नक्षत्रहोम विधि: Difference between revisions
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Revision as of 09:40, 21 March 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- हेमाद्रि[1] ने अश्विनी से रेवती तक के 27 नक्षत्रों के लिए पूजा एवं होम की विधि को गर्ग से गद्य में उद्धृत किया है।
- कितने दिनों तक रोग एवं भय चलता रहेगा, किस देवता का पूजन हो, पुष्पों, नैवेद्य, धूप, समिधा के वृक्ष, पूजा मन्त्र, अग्नि में डाली जाने वाली प्रमुख वस्तु आदि के विषय में वर्णन है।
- एक उदाहरण है- रोहिणी के लिए आठ दिन, देवता प्रजापति, नैवेद्य दूध में उबाला हुआ चावल, कमल के पुष्प, साल वृक्ष से निकाली हुई वस्तु की धूप, पूजा मन्त्र—'नमो ब्रह्मणे'।
- सभी प्रकार के धान्य अग्नि में डाले जा सकते हैं।
- आहुतियाँ 108 होती हैं, फल अरोग्य लाभ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि, (व्रत0 2, 684-688)
अन्य संबंधित लिंक
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