विष्णुशंकर व्रत: Difference between revisions
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*हेमाद्रि, कृत्यरत्नाकर<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 593-594, यहाँ पर इसे शंकर-[[नारायण]] व्रत कहा गया है); कृत्यरत्नाकर (283-283 | *हेमाद्रि, कृत्यरत्नाकर<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 593-594, यहाँ पर इसे शंकर-[[नारायण]] व्रत कहा गया है); कृत्यरत्नाकर (283-283</ref> दोनों देवीपुराण को उद्धृत करते हैं। | ||
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Latest revision as of 13:00, 27 July 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- इस व्रत में उमा महेश्वर व्रत की विधि प्रयुक्त होती है।
- इसका सम्पादन भाद्रपद या आश्विन में मृगशिरा, आर्द्रा, पूर्वाफाल्गुनी, अनुराधा या ज्येष्ठा पर होता है अन्तर यह है कि विष्णु के वस्त्र पीत होते हैं, विष्णु एवं शंकर के लिए दक्षिणा क्रम से सोना एवं मोती के रूप में होती है।
- हेमाद्रि, कृत्यरत्नाकर[1] दोनों देवीपुराण को उद्धृत करते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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