सौभाग्यसुन्दरी: Difference between revisions
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*[[मार्गशीर्ष] या [[माघ]] [[कृष्ण पक्ष]] की [[तृतीया]] पर सौभाग्यसुन्दरी व्रत किया जाता है। | *[[मार्गशीर्ष]] या [[माघ]] [[कृष्ण पक्ष]] की [[तृतीया]] पर सौभाग्यसुन्दरी व्रत किया जाता है। | ||
*सौभाग्यसुन्दरी तिथिव्रत है। | *सौभाग्यसुन्दरी तिथिव्रत है। | ||
*सौभाग्यसुन्दरी व्रत के देवी [[उमा]] हैं। | *सौभाग्यसुन्दरी व्रत के देवी [[उमा]] हैं। | ||
*उस दिन उपवास; एक वर्ष तक करना चाहिए। | *उस दिन उपवास; एक वर्ष तक करना चाहिए। | ||
*प्रत्येक मास में उमा के विभिन्न नाम से पूजा करनी चाहिए। | *प्रत्येक मास में उमा के विभिन्न नाम से पूजा करनी चाहिए। | ||
*[[पुष्प]], [[फल]], [[नैवेद्य]] तथा कर्ता द्वारा खाये जाने वाले सामान आदि का अर्पण किया जाता है।<ref>व्रतार्क (पाण्डुलिपि 56अ-60ब | *[[पुष्प]], [[फल]], [[नैवेद्य]] तथा कर्ता द्वारा खाये जाने वाले सामान आदि का अर्पण किया जाता है।<ref>व्रतार्क (पाण्डुलिपि 56अ-60ब</ref> | ||
*व्रतराज<ref> | *व्रतराज<ref>व्रतराज 114-120, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण</ref> में इसका सम्पादन [[चतुर्थी]] से युक्त [[तृतीया]] को हो सकता है किन्तु [[द्वितीया]] से युक्त [[तृतीया]] को नहीं। | ||
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Latest revision as of 13:02, 27 July 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष या माघ कृष्ण पक्ष की तृतीया पर सौभाग्यसुन्दरी व्रत किया जाता है।
- सौभाग्यसुन्दरी तिथिव्रत है।
- सौभाग्यसुन्दरी व्रत के देवी उमा हैं।
- उस दिन उपवास; एक वर्ष तक करना चाहिए।
- प्रत्येक मास में उमा के विभिन्न नाम से पूजा करनी चाहिए।
- पुष्प, फल, नैवेद्य तथा कर्ता द्वारा खाये जाने वाले सामान आदि का अर्पण किया जाता है।[1]
- व्रतराज[2] में इसका सम्पादन चतुर्थी से युक्त तृतीया को हो सकता है किन्तु द्वितीया से युक्त तृतीया को नहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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