प्रातः स्नान: Difference between revisions

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है।  
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है।  
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*कृत्यरत्नाकरट<ref>कृत्यरत्नाकर (149)</ref> एवं वर्षक्रियाकौमुदी ने भी यह उद्धरण दिया है।  
*कृत्यरत्नाकरट<ref>कृत्यरत्नाकर (149)</ref> एवं वर्षक्रियाकौमुदी ने भी यह उद्धरण दिया है।  

Revision as of 18:10, 25 February 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • भुजबलनिबन्ध[1] एवं राजमार्तण्ड[2] में आया है कि व्यक्ति को तुला, मकर एवं मेष राशियों में पढ़ने वाले सूर्य के समय प्रातः स्नान करना चाहिए।
  • कृत्यरत्नाकरट[3] एवं वर्षक्रियाकौमुदी ने भी यह उद्धरण दिया है।
  • विष्णुधर्मसूत्[4] में ऐसा आया है कि जो व्यक्ति प्रातःस्नान करता है उसे अरुणोदय के समय ऐसा करना चाहिए।

 


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भुजबलनिबन्ध (पृष्ठ 350, श्लोक 1530)
  2. राजमार्तण्ड (श्लोक 1361)
  3. कृत्यरत्नाकर (149)
  4. विष्णुधर्मसूत्र (64|8)

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