विधान द्वादश सप्तमी: Difference between revisions
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Revision as of 18:43, 25 February 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत चैत्र से आरम्भ करके 12 मासों की सप्तमी पर करना चाहिए। सप्तमी के कई नाम प्रसिद्ध हैं, यथा– मरिचसप्तमी, फलसप्तमी, अनोदना सप्तमी सभी में सूर्य देवता की पूजा की जाती हैं। मंत्र है 'ओं नम: सूर्याय'। [1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 792-804, आदित्यपुराण से उद्धरण)।
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