धूप: Difference between revisions
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Revision as of 12:46, 27 July 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- हेमाद्रि[1] ने धूप के कई मिश्रणों का उल्लेख किया है, यथा अमृत, अनन्त, अक्षधूप, विजयधूप, प्राजापत्य, दस अंगों वाली धूप का भी वर्णन है।
- कृत्यकल्पतरु[2] ने विजय नामक धूप के आठ अंगों का उल्लेख किया है।
- भविष्य पुराण[3] का कथन है कि विजय धूपों में श्रेष्ठ है, लेपों में चन्दन लेप सर्वश्रेष्ठ है, सुरभियों (गन्धों) में कुंकुम श्रेष्ठ है, पुष्पों में जाती तथा मीठी वस्तुओं में मोदक (लड्डू) सर्वोत्तम है।
- कृत्यकल्पतरु[4] ने इसका उदधृत किया है।[5]
- धूप से मक्खियाँ एवं पिस्सू नष्ट हो जाते हैं।[6]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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