आतंकवाद विरोधी दिवस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(Redirected from Anti Terrorism Day)
Jump to navigation Jump to search
आतंकवाद विरोधी दिवस
विवरण 'आतंकवाद विरोधी दिवस' तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद ही 'आतंकवाद विरोधी दिवस' मनाने का फैसला किया गया था।
तिथि 21 मई
देश भारत
उद्देश्य आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है।
अन्य जानकारी 'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' हमले को कोई नहीं भूल सकता जो एक आतंकवादी हमला था। वहीं 26/11 मुंबई हमला भी भुलाया नहीं जा सकता है। इसलिए आतंकवाद विरोधी दिवस क्रोध व्यक्त करता है और मानवता के साथ एकजुटता दिखाता है।

आतंकवाद विरोधी दिवस (अंग्रेज़ी: Anti Terrorism Day) पूरे भारत में '21 मई' को मनाया जाता है। आज दुनिया जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उनमें सबसे बड़ी और अहम समस्या आतंकवाद है। आतंकवाद के कारण हजारों लोगों को दुनिया में अपनी जान गंवानी पड़ी है और भारत समेत कई देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आतंकवाद जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत ने 21 मई का दिन ही इसको समर्पित कर दिया है। हर साल 21 मई को पूरे देश में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को आतंकवाद के समाज विरोधी कृत्य से लोगों को अवगत कराना है। आतंकवाद की वजह से लोगों को जानमाल का कितना नुकसान उठाना पड़ता है, उससे भी लोगों को अवगत कराया जाता है।

क्यों मनाया जाता है?

'21 मई' को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसी दिन यानी 21 मई, 1991 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में हत्या कर दी गई थी। उस वक्त राजीव गांधी चुनाव प्रचार के सिलसिले में श्रीपेरुंबुदूर गए हुए थे। वे वहां एक आमसभा को संबोधित करने जा ही रहे थे कि उनका स्वागत करने के लिए रास्ते में बहुत सारे प्रशंसक उन्हें फूलों की माला पहना रहे थे। इसी मौके का उठाते हुए लिट्टे के आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। हमलावर धनु ने एक आत्मघाती विस्फोट को अंजाम दिया, जिसमें राजीव गांधी की मौत हो गई थी। 'राजीव गांधी बलिदान दिवस' को आतंकवाद वि‍‍रोधी दि‍वस के रूप में भी मनाया जाता है। तभी से स्वर्गीय राजीव गांधी के सम्मान में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 21 मई का दिन आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

उद्देश्य

  • आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है। इसी उद्देश्य से स्कूल-कॉलेज और वि‍श्ववि‍द्यालयों में आतंकवाद और हिं‍सा के खतरों पर परि‍चर्चा, वाद-वि‍वाद, संगोष्ठी, सेमीनार और व्याख्यान आदि‍ का आयोजन कि‍या जाता है।
  • शांति और मानवता का संदेश फैलाना।
  • आतंकी गुटों और वे कैसे आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाते हैं, उसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना।
  • लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देना।
  • युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि वे आतंकी गुटों में शामिल न हों।
  • देश में आतंकवाद, हिंसा के खतरे और उनके समाज, लोगों और पूरे देश पर खतरनाक असर के बारे में जागरूकता पैदा करना।

कैसे मनाया जाता है?

  • आतंकवाद और हिंसा के खतरों पर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में डिबेट या चर्चा आयोजित करके उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त किया जाता है।
  • आतंकवाद और उसके बाद के दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • केंद्र सरकार और राज्य सरकार आतंकवाद के प्रभावों के बारे में लोगों को सुनिश्चित करने के लिए रैलियां और परेड आयोजित करती है।
  • दिवंगत प्रधानमंत्री को विशेष जुलूसों द्वारा सम्मान प्रदान करना और लोग राजीव गांधी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। कई स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी कार्यालयों में लोग सिर झुकाकर दो मिनट का मौन रखते हैं।

प्रसिद्ध 'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' हमले को कोई नहीं भूल सकता जो एक आतंकवादी हमला था। वहीं 26/11 मुंबई हमला भी भुलाया नहीं जा सकता है। इसलिए आतंकवाद विरोधी दिवस क्रोध व्यक्त करता है और मानवता के साथ एकजुटता दिखाता है। आतंकवाद आतंकवादियों के खूंखार कृत्यों द्वारा लोगों के बीच जान का नुकसान और लोगों में मौत का डर पैदा करने का एक कार्य है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मानव के अधिकारों पर हमला है। इसलिए, हमें एक साथ आना चाहिए और मोहब्बत, देखभाल इत्यादि को फैलाकर इसे खत्म करना चाहिए।

आतंकवाद विरोधी शपथ

हर भारतवासी अपने देश की अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास रखता है और निष्ठापूर्वक शपथ लेता है कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा का डटकर विरोध करेंगे। हम मानव जाति के सभी वर्गों के बीच शांति, सामाजिक सद्भाव और सूझबूझ कायम रखने और मानव जीवन के मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ लेते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः