अवध बिहारी: Difference between revisions
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*रास बिहारी बोस इस घटना के बाद पहले [[देहरादून]] और उसके बाद [[जापान]] चले गए थे। | *रास बिहारी बोस इस घटना के बाद पहले [[देहरादून]] और उसके बाद [[जापान]] चले गए थे। | ||
*परंतु वायसराय की हत्या की कोशिश का अभियोग लगाकर मास्टर अभियचंद और बंसत कुमार विश्वास के साथ बिहारी को भी मौत की सजा दी गई और [[11 मई]] 1915 को अंबाला जेल | *परंतु वायसराय की हत्या की कोशिश का अभियोग लगाकर मास्टर अभियचंद और बंसत कुमार विश्वास के साथ बिहारी को भी मौत की सजा दी गई और [[11 मई]] 1915 को अंबाला जेल फाँसी पर लटका दिया गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=57|url=}}</ref> | ||
Revision as of 10:42, 2 January 2018
अवध बिहारी
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पूरा नाम | अवध बिहारी |
जन्म | 1869 |
मृत्यु | 11 मई 1915 |
विशेष योगदान | अवध बिहारी ने वायसराय लार्ड हार्डिंग्ज पर बम प्रहार किया तथा लारेंस गार्डस बम कांड में भी मुख्य भूमिका निभाई। |
अद्यतन | 17:54, 14 मई 2017 (IST)
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अवध बिहारी (अंग्रेज़ी: Avadh Bihari, जन्म: 1869, मृत्यु: 11 मई 1915) एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी रास बिहारी बोस के सहयोगी थे। इनका जन्म दिल्ली में हुआ था। बोस की क्रांतिकारी गतिविधियों के चलते अंग्रेजी शासकों की नींद हराम हो गई थी। उन्होंने वायसराय लार्ड हार्डिंग्ज पर बम प्रहार किया तथा लारेंस गार्डस बम कांड में भी मुख्य भूमिका निभाई।
संक्षिप्त परिचय
- इन्होंने आजीविका के लिए अध्यापन कार्य करते हुए पंजाब और उत्तर प्रदेश में क्रान्तिकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मह्त्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- अवध बिहारी दिल्ली में वायसराय के जुलूस पर बम फेंकने की योजना बनाने में भी सम्मिलित थे।
- रास बिहारी बोस इस घटना के बाद पहले देहरादून और उसके बाद जापान चले गए थे।
- परंतु वायसराय की हत्या की कोशिश का अभियोग लगाकर मास्टर अभियचंद और बंसत कुमार विश्वास के साथ बिहारी को भी मौत की सजा दी गई और 11 मई 1915 को अंबाला जेल फाँसी पर लटका दिया गया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 57 |
बाहरी कड़ियाँ
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