धूप: Difference between revisions

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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Revision as of 06:58, 7 December 2010

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • हेमाद्रि[1] ने धूप के कई मिश्रणों का उल्लेख किया है, यथा अमृत, अनन्त, अक्षधूप, विजयधूप, प्राजापत्य, दस अंगों वाली धूप का भी वर्णन है।
  • कृत्यकल्पतरु[2] ने विजय नामक धूप के आठ अंगों का उल्लेख किया है।
  • भविष्य पुराण[3] का कथन है कि विजय धूपों में श्रेष्ठ है, लेपों में चन्दन लेप सर्वश्रेष्ठ है, सुरभियों (गन्धों) में कुंकुम श्रेष्ठ है, पुष्पों में जाती तथा मीठी वस्तुओं में मोदक (लड्डू) सर्वोत्तम है।
  • कृत्यकल्पतरु[4] ने इसका उदधृत किया है।[5]
  • धूप से मक्खियाँ एवं पिस्सू नष्ट हो जाते हैं।[6]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 50-51)
  2. कृत्यकल्पतरु (13)
  3. भविष्य पुराण, (1|68|28-29)
  4. कृत्यकल्पतरु व्रतखण्ड 182-183
  5. देखिए गरुड़ पुराण (1|177|88-89)
  6. कृत्यरत्नाकर (77-78); स्मृतिचन्द्रिका (1|203 एवं 2|435); बाण (कादम्बरी प्रथम भाग)।

अन्य संबंधित लिंक

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