छगनराज चौपासनी वाला: Difference between revisions

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छगनराज ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म [[26 मई]], [[1912]] ई. को [[जोधपुर]] में हुआ था।  
'''छगनराज चौपासनी वाला''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्होंने '[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका जन्म [[26 मई]], [[1912]] ई. को [[जोधपुर]], राजस्थान में हुआ था।
;रचनात्मक कार्य
 
वे प्रारम्भ से ही [[गाँधीजी]] के रचनात्मक कार्यों में खुलकर भाग लेते थे। वे [[1932]] से [[1939]] ई. तक जोधपुर के प्रसिद्ध आन्दोलनकारी बने रहे। जीविकोपार्जन के लिए उन्हें बहुत कष्ट उठाने पड़े, परंतु उनका मातृभूमि प्रेम कम नहीं हुआ।  
*छगनराज जी प्रारम्भ से ही [[महात्मा गाँधी]] के रचनात्मक कार्यों में खुलकर भाग लेते थे।
;संस्था
*सन [[1932]] से [[1939]] ई. तक छगनराज चौपासनी वाला जोधपुर के प्रसिद्ध आन्दोलनकारी बने रहे।
मारवाड़ हितकारिणी सभा, यूथ लीग, बाल भारत सभा, पीपुल्स एसोसिएशन, प्रजामण्डल एवं लोक परिषद् आदि संस्थाओं की स्थापना में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। [[26 जनवरी]], [[1932]] ई. को जोधपुर की जूनी धानमण्डी में उन्होंने पहली बार तिरंगा फहराया। पुलिस ने उन पर लाठियाँ बरसाईं, जिससे वे घायल हो गए। इसके लिए उन्हें दो माह की सज़ा दी गई।
*जीविकोपार्जन के लिए उन्हें बहुत कष्ट उठाने पड़े थे, परंतु उनका मातृभूमि प्रेम कभी भी कम नहीं हुआ।
;जेल यात्रा
*छगनराज जी ने निम्न संस्थाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी-
[[1934]], [[1940]] एवं [[1942]] ई. में उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन में खुलकर भाग लिया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी। उन्होंने जयनारायण व्यास के साप्ताहिक-पत्र 'लोकराज' का भी सम्पादन किया।<ref>{{cite book | last =नागोरी | first = डॉ. एस.एल. | title =स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन) | edition = 2011 | publisher = गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 150 | chapter = खण्ड 3 }}</ref>
#मारवाड़ हितकारिणी सभा
#यूथ लीग
#बाल भारत सभा
#पीपुल्स एसोसिएशन
#प्रजामण्डल
#लोक परिषद
 
 
*[[26 जनवरी]], [[1932]] ई. को [[जोधपुर]] की 'जूनी धानमण्डी' में छगनराज चौपासनी वाला ने पहली बार तिरंगा फहराया था। पुलिस ने उन पर लाठियाँ बरसाईं, जिससे वे घायल हो गए। इसके लिए उन्हें दो माह की सज़ा दी गई थी।
*[[1934]], [[1940]] एवं [[1942]] ई. में छगनराज जी ने [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन|राष्ट्रीय आन्दोलन]] में खुलकर भाग लिया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी।
*[[जयनारायण व्यास]] के साप्ताहिक पत्र 'लोकराज' का सम्पादन कार्य भी छगनराज चौपासनी वाला ने किया था।<ref>{{cite book | last =नागोरी | first = डॉ. एस.एल. | title =स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन) | edition = 2011 | publisher = गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 150 | chapter = खण्ड 3 }}</ref>




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Revision as of 06:42, 11 May 2016

छगनराज चौपासनी वाला राजस्थान के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्होंने 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका जन्म 26 मई, 1912 ई. को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था।

  • छगनराज जी प्रारम्भ से ही महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यों में खुलकर भाग लेते थे।
  • सन 1932 से 1939 ई. तक छगनराज चौपासनी वाला जोधपुर के प्रसिद्ध आन्दोलनकारी बने रहे।
  • जीविकोपार्जन के लिए उन्हें बहुत कष्ट उठाने पड़े थे, परंतु उनका मातृभूमि प्रेम कभी भी कम नहीं हुआ।
  • छगनराज जी ने निम्न संस्थाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी-
  1. मारवाड़ हितकारिणी सभा
  2. यूथ लीग
  3. बाल भारत सभा
  4. पीपुल्स एसोसिएशन
  5. प्रजामण्डल
  6. लोक परिषद


  • 26 जनवरी, 1932 ई. को जोधपुर की 'जूनी धानमण्डी' में छगनराज चौपासनी वाला ने पहली बार तिरंगा फहराया था। पुलिस ने उन पर लाठियाँ बरसाईं, जिससे वे घायल हो गए। इसके लिए उन्हें दो माह की सज़ा दी गई थी।
  • 1934, 1940 एवं 1942 ई. में छगनराज जी ने राष्ट्रीय आन्दोलन में खुलकर भाग लिया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी।
  • जयनारायण व्यास के साप्ताहिक पत्र 'लोकराज' का सम्पादन कार्य भी छगनराज चौपासनी वाला ने किया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 150।

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