जुब्बा साहनी: Difference between revisions

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'''जुब्बा साहनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jubba Sahni'', जन्म- [[1906]]; मृत्यु- [[1944]]) [[बिहार]] के अग्रगण्य स्चतंत्रता सेनानियों में से एक थे। [[भारत छोड़ो आन्दोलन]] के दौरान जुब्बा साहनी ने [[16 अगस्त]], [[1942]] को मीनापुर थाने के [[अंग्रेज़]] इंचार्ज लुइस वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था। बाद में पकड़े जाने पर उन्हें [[11 मार्च]], [[1944]] को फांसी दे दी गयी। जुब्बा साहनी के नाम पर मुजफ्फरपुर शहर में 'जुब्बा साहनी खेल स्टेडियम' तथा पार्क बना है जो दर्शनीय है।<br>
'''जुब्बा साहनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jubba Sahni'', जन्म- [[1906]]; मृत्यु- [[1944]]) [[बिहार]] के अग्रगण्य स्चतंत्रता सेनानियों में से एक थे। [[भारत छोड़ो आन्दोलन]] के दौरान जुब्बा साहनी ने [[16 अगस्त]], [[1942]] को मीनापुर थाने के [[अंग्रेज़]] इंचार्ज लुइस वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था। बाद में पकड़े जाने पर उन्हें [[11 मार्च]], [[1944]] को फांसी दे दी गयी। जुब्बा साहनी के नाम पर मुजफ्फरपुर शहर में 'जुब्बा साहनी खेल स्टेडियम' तथा पार्क बना है जो दर्शनीय है।<br>
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thumb|250px|जुब्बा साहनी जुब्बा साहनी (अंग्रेज़ी: Jubba Sahni, जन्म- 1906; मृत्यु- 1944) बिहार के अग्रगण्य स्चतंत्रता सेनानियों में से एक थे। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जुब्बा साहनी ने 16 अगस्त, 1942 को मीनापुर थाने के अंग्रेज़ इंचार्ज लुइस वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था। बाद में पकड़े जाने पर उन्हें 11 मार्च, 1944 को फांसी दे दी गयी। जुब्बा साहनी के नाम पर मुजफ्फरपुर शहर में 'जुब्बा साहनी खेल स्टेडियम' तथा पार्क बना है जो दर्शनीय है।

  • अमर शहीद जुब्बा साहनी का जन्म 1906 में मुजफ्फरपुर ज़िले के मीनापुर थाने के चैनपुर गांव में एक निर्धन मल्लाह परिवार में हुआ था।
  • बिहार के अग्रणीय स्वतंत्रता सेनानियों में से एक जुब्बा साहनी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 16 अगस्त, 1942 को मीनापुर थाने के अंग्रेज इंचार्ज लुइस वालर को आग में झोंक दिया था हालांकि पकड़े जाने पर उन्हें 1944 को फांसी दी गई। हर साल 11 मार्च को अमर शहीद जुब्बा साहनी का बलिदान दिवस मनाया जाता है।[1]
  • देश को स्वतंत्रता दिलवाने वालों में जुब्बा साहनी का नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है। स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए फांसी पर झूल जाने वाले बिहार के अमर शहीद जुब्बा साहनी के नाम पर रेलवे स्टेशन, स्टेडियम समेत कई स्मारक मौजूद हैं हालांकि, इन सभी में एक, जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है, वह है जुब्बा साहनी पार्क।
  • स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी जुब्बा साहनी के नाम पर बच्चों का यह पार्क मुजफ्फरपुर की मिठ्ठनपुरा क्षेत्र में स्थित है। हालांकि, यूं तो यह पार्क किसी अन्य बच्चों के पार्क की तरह ही है, लेकिन यहां की हरियाली, पेड़, मखमली घास-झाड़ियों और शांत वातावरण के कारण यह पार्क बच्चों, वयस्कों और पर्यटकों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बन गया है।
  • पार्क में मौजूद पानी के खूबसूरत रंग-बिरंगे फव्वारे, लंबी और ऊंची लाइटों की कतार सूर्यास्त के बाद काफी आर्कषित लगते हैं। रात के समय में यहां मौजूद लाइटें इस पूरे पार्क क्षेत्र को प्रकाश की रोशनी से जगमगा देती हैं। मुजफ्फरपुर के दर्शनीय स्थल में शुमार यह पार्क मुख्य रूप से पिकनिक और मनोरंजन स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • राज्य सरकार ने आजादी के लंबे समय बाद 2009 में भागलपुर सेंट्रल जेल का नाम बदलकर 'जुब्बा साहनी सेंट्रल जेल' के नाम से कर दिया। केंद्र सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी किया।
  • दिल्ली से मुजफ्फरपुर की दूरी करीब 1,083 किलोमीटर है। बस, ट्रेन या फिर फ्लाइट से मुजफ्फरपुर तक का सफर तय कर सकते हैं।
  • बस के रास्ते दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंचने में केवल 17 घंटे 27 मिनट का समय लगता है। वहीं ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो इसमें केवल 20 घंटे का समय लगेगा। फ्लाइट से केवल डेढ़ घंटे में दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंच सकते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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