पंडित रूपचंद: Difference between revisions

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*पुलिस को भयभीत करने के लिए [[पंजाब]] में उन लोगों ने एक दिन में 6 स्थानों पर बम विस्फोट किए थे। पुलिस इनके पीछे पड़ी थी।  
*अगस्त 1930 ई. में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।  
*अगस्त 1930 ई. में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।  
*मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा हुई और लगभग 16 वर्ष जेलों में बंद रहने के बाद वे 1946 ई. में रिहाई के बाद [[कांग्रेस]] में सम्मिलित हो गए थे।  
*मुकदमे में आजीवन कारावास की सज़ा हुई और लगभग 16 वर्ष जेलों में बंद रहने के बाद वे 1946 ई. में रिहाई के बाद [[कांग्रेस]] में सम्मिलित हो गए थे।  
 
 



Revision as of 13:42, 9 April 2012

  • पंडित रूपचंद (जन्म 1908 ई.) पंजाब के क्रांतिकारी थे। पंडित रूपचंद का जन्म 1908 ई. में रावलपिंड़ी ज़िले में हुआ था।
  • उन्होंने औपचारिक शिक्षा मैट्रिक तक ही पाई थी किंतु स्वाध्याय से वे सुपठित व्यक्ति थे।
  • लाला लाजपतराय के विचारों का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा।
  • जार्ज बर्नाड शॉ, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, शरतचंद्र चट्टोपध्याय उनके प्रिय लेखक थे।
  • उन्होंने कुछ दिन लाहौर के प्रताप पत्र में काम किया और इस बीच हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी नामक क्रांतिकारी संगठन में सम्मिलित हो गए।
  • 1929 ई. में लार्ड डरर्विन की ट्रेन को उड़ाने के प्रयत्न में उनका भी हाथ था।
  • सरदार भगतसिंह को जेल से छुड़ाने के जो प्रयत्न 1930 ई. में किए गए, पंडित रूपचंद उसमें भी सम्मिलित थे।
  • पुलिस को भयभीत करने के लिए पंजाब में उन लोगों ने एक दिन में 6 स्थानों पर बम विस्फोट किए थे। पुलिस इनके पीछे पड़ी थी।
  • अगस्त 1930 ई. में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
  • मुकदमे में आजीवन कारावास की सज़ा हुई और लगभग 16 वर्ष जेलों में बंद रहने के बाद वे 1946 ई. में रिहाई के बाद कांग्रेस में सम्मिलित हो गए थे।

 



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टीका टिप्पणी और संदर्भ


लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 449।

बाहरी कड़ियाँ

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