दामोदर स्वरूप सेठ: Difference between revisions
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महान क्रांतिकारी और देशभक्त दामोदर स्वरूप सेठ का जन्म 11 फ़रवरी 1901 ई. को [[उत्तर प्रदेश]] के [[बरेली]] में हुआ था। जब उन्हें अध्ययन के लिए [[इलाहाबाद]] भेजा गया, तो वहीं वे क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आ गये। [[बंग भंग]] की घटनाओं, [[रासबिहारी बोस]] और [[लाला लाजपतराय|लाजपतराय]] जैसे क्रांतिकारियों की प्रेरणा से उनके विचार और पक्के हुए। उन्होंने आजन्म अविवाहित रहकर देशसेवा का व्रत ले लिया।<ref name="d">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=380|url=}}</ref> | महान क्रांतिकारी और देशभक्त दामोदर स्वरूप सेठ का जन्म 11 फ़रवरी 1901 ई. को [[उत्तर प्रदेश]] के [[बरेली]] में हुआ था। जब उन्हें अध्ययन के लिए [[इलाहाबाद]] भेजा गया, तो वहीं वे क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आ गये। [[बंग भंग]] की घटनाओं, [[रासबिहारी बोस]] और [[लाला लाजपतराय|लाजपतराय]] जैसे क्रांतिकारियों की प्रेरणा से उनके विचार और पक्के हुए। उन्होंने आजन्म अविवाहित रहकर देशसेवा का व्रत ले लिया।<ref name="d">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=380|url=}}</ref> | ||
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दामोदर स्वरूप सेठ
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पूरा नाम | दामोदर स्वरूप सेठ |
जन्म | 11 फ़रवरी, 1901 |
जन्म भूमि | बरेली, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 1965 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | क्रांतिकारी |
आंदोलन | बनारस षड्यंत्र, काकोरी षड्यंत्र कांड, असहयोग आंदोलन में भाग लिया। |
जेल यात्रा | असहयोग आंदोलन में जेल जाना पड़ा |
संबंधित लेख | रासबिहारी बोस, लाला लाजपतराय |
अन्य जानकारी | दामोदर स्वरूप सेठ को 1937 और 1946 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य चुना गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध की अवधि में वे जेल में नज़रबंद रहे। |
दामोदर स्वरूप सेठ (अंग्रेज़ी: Damodar Swaroop Seth, जन्म- 11 फ़रवरी, 1901[1] बरेली, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1965) प्रसिद्ध क्रांतिकारी एवं देशभक्त थे। वह फारवर्ड ब्लॉक के सचिव तथा कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। उनको 1914-1915 के ‘बनारस षड्यंत्र’ और 1925 के ‘काकोरी षड्यंत्र कांड’ में गिरफ़्तार किया गया था, पर अंग्रेज़ सरकार उन पर अभियोग सिद्ध नहीं कर पाई।
परिचय
महान क्रांतिकारी और देशभक्त दामोदर स्वरूप सेठ का जन्म 11 फ़रवरी 1901 ई. को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ था। जब उन्हें अध्ययन के लिए इलाहाबाद भेजा गया, तो वहीं वे क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आ गये। बंग भंग की घटनाओं, रासबिहारी बोस और लाजपतराय जैसे क्रांतिकारियों की प्रेरणा से उनके विचार और पक्के हुए। उन्होंने आजन्म अविवाहित रहकर देशसेवा का व्रत ले लिया।[2]
कॅरियर
दामोदर स्वरूप सेठ को 1914-1915 के ‘बनारस षड्यंत्र’ और 1925 के ‘काकोरी षड्यंत्र कांड’ में भी उन्हें गिरफ़्तार किया गया था, पर सरकार उन पर अभियोग सिद्ध नहीं कर पाई। असहयोग आंदोलन में उन्हें जेल की सज़ा हुई थी। देशसेवा के लिए उन्होंने लाला लाजपतराय की ‘लोकसेवक समिति’ की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वे कांग्रेस समाजवादी पार्टी के प्रमुख सदस्य थे। बाद में उन्होंने नेताजी द्वारा स्थापित फारवर्ड ब्लॉक की सदस्यता ग्रहण कर ली और उनके सचिव बने। 1937 और 1946 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य चुना गया। द्वितीय विश्वयुद्ध की अवधि में वे जेल में नज़रबंद रहे। जेल से रिहा होने पर वे फिर से कांग्रेस में सम्मिलित हो गए थे। उत्तर प्रदेश के प्रमुख ‘समाजवादियों’ में उनकी गणना होती थी।[2]
निधन
दामोदर स्वरूप सेठ का निधन 1965 में हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वर्मा, अनिल। बरेली की शान :क्रांतिकारी सेठ दामोदर स्वरूप (हिन्दी) anilverma.in। अभिगमन तिथि: 21 मई, 2017।
- ↑ 2.0 2.1 भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 380 |
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