सिंहस्थ गुरु: Difference between revisions
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*जब [[बृहस्पति]] [[सिंह राशि]] में रहता है, तो शत्रु पर आक्रमण, [[विवाह]], [[उपनयन]], गृह प्रवेश, देवप्रतिमा स्थापना तथा कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।<ref>मलमासतत्त्व (पृष्ठ 828); भुजबलनिबन्ध (पृष्ठ 274); शुद्धिकौमुदी (पृष्ठ 222)</ref> | *जब [[बृहस्पति]] [[सिंह राशि]] में रहता है, तो शत्रु पर आक्रमण, [[विवाह]], [[उपनयन]], गृह प्रवेश, देवप्रतिमा स्थापना तथा कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।<ref>मलमासतत्त्व (पृष्ठ 828); भुजबलनिबन्ध (पृष्ठ 274); शुद्धिकौमुदी (पृष्ठ 222)</ref> | ||
*ऐसा विश्वास है कि सिंहस्थ बृहस्पति में भी तीर्थस्नान गोदावरी में आ जाते हैं, अत: समय उसमें स्नान करना चाहिए (ऐसा काल एक वर्ष तक रहता है)। | *ऐसा विश्वास है कि सिंहस्थ बृहस्पति में भी तीर्थस्नान गोदावरी में आ जाते हैं, अत: समय उसमें स्नान करना चाहिए (ऐसा काल एक वर्ष तक रहता है)। |
Revision as of 18:44, 25 February 2011
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब बृहस्पति सिंह राशि में रहता है, तो शत्रु पर आक्रमण, विवाह, उपनयन, गृह प्रवेश, देवप्रतिमा स्थापना तथा कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।[1]
- ऐसा विश्वास है कि सिंहस्थ बृहस्पति में भी तीर्थस्नान गोदावरी में आ जाते हैं, अत: समय उसमें स्नान करना चाहिए (ऐसा काल एक वर्ष तक रहता है)।
- सिंहस्थ गृरु में विवाह एवं उपनयन के सम्पादन के विषय में कई मत हैं, कुछ लोगों का कथन है कि विवाह एवं शुभ कर्म मधा नक्षत्र वाले बृहस्पति (अर्थात् सिंह के प्रथम साढ़े तेरह अंश) में वर्जित हैं।
- अन्य लोगों का कथन है कि गंगा एवं गोदावरी नदी के मध्य के प्रदेशों में विवाह एवं उपनयन सिंहस्थ गुरु के सभी दिनों में वर्जित हैं।
- किन्तु अन्य कृत्य मघा नक्षत्र में स्थित गुरु के अतिरिक्त कभी भी किये जा सकते हैं।
- अन्य लोग ऐसा कहते हैं कि जब सूर्य मेष राशि में हो तो सिंहस्थ गुरु का कोई अवरोध नहीं है।
- इस विवेचन के लिए स्मृतिकौस्तुभ[2] में दिया हुआ है।
- ऐसा विश्वास किया जाता है कि अमृत का कुम्भ जो समुद्र से प्रकट हुआ था, सर्वप्रथम देवों के द्वारा हरिद्वार में रखा गया, तब प्रयाग में और उसके उपरान्त उज्जैन में तथा अन्त में नासिक के पास त्र्यम्बकेश्वर में रखा गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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