बनारसी दास गुप्ता
बनारसीदास गुप्ता (अंग्रेज़ी: Banarsi Das Gupta ; जन्म- 5 नवम्बर, 1917, हरियाणा; मृत्यु- 29 अगस्त, 2007) हरियाणा राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी होते हुए सामाजिक, राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन को अपने अंदाज में जिया। बनारसीदास गुप्ता हिन्दी भाषा के पक्षधर और यथार्थवादी आदर्श जननायक थे। उन्होंने राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाकर हरियाणा की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान दिया था।[1]
- बनारसीदास गुप्ता का जन्म 5 नवम्बर, 1917 ई. में हरियाणा के भिवानी नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने 'बिड़ला कॉलेज', पिलानी में शिक्षा प्राप्त की थी।
- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पण्डित जवाहरलाल नेहरू के प्रभाव से वे देशी रियासतों की दमनकारी नीति का विरोध करने के लिए प्रजामंडल आंदोलन में भाग लेने लगे थे।
- बनारसीदास गुप्ता जी की गतिविधियां देखकर जींद रियासत में उन्हें 1941 ई. में गिरफ्तार करके फरीदकोट जेल में बंद कर दिया था।
- 'भारत छोड़ो आंदोलन' में भी बनारसीदास गुप्ता ने भाग लिया और 1942 से 1944 ई. तक जेल में बंद रहे।
- वर्ष 1946 में बनारसीदास जी जींद रियासत असेम्बली के और 1968 में हरियाणा विधान सभा के सदस्य चुने गए।
- 1972 में वे विधान सभा के अध्यक्ष और 1975 में हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री बने।
- शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी बनारसीदास गुप्ता का विशेष योगदान रहा था। उन्होंने कई शिक्षण संस्थाएं स्थापित कीं।
- बनारसीदास गुप्ता ने 'अपना देश', 'हरियाणा केसरी' और 'हरियाणा कांग्रेस पत्रिका' के द्वारा राजनैतिक जागृति तथा समाज सुधार के क्षेत्र में योगदान किया।
- श्रमिकों को संगठित करके उन्हें अपने अधिकार प्राप्त कराने में भी बनारसीदास गुप्त सहायक रहे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बनारसीदास गुप्ता को याद किया (हिन्दी) भास्कर.कॉम। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2014।
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