दयाल सिंह मजीठिया: Difference between revisions

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'''दयाल सिंह मजीठिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dyal Singh Majithia'', जन्म- 1848, [[वाराणसी]]; मृत्यु- [[1898]], [[लाहौर]], [[पाकिस्तान]]) [[पंजाब]] के क्रांतिकारी थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Majithia|title=दयाल सिंह मजीठिया|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
'''दयाल सिंह मजीठिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dyal Singh Majithia'', जन्म- 1848, [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[1898]], [[लाहौर]], [[पाकिस्तान]]) [[पंजाब]] के क्रांतिकारी थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Majithia|title=दयाल सिंह मजीठिया|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>


*दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में [[अमृतसर]] शहर के निकट मजीठिया नामक [[गांव]] में एक ऐतिहासिक [[परिवार]] से थे।  
*दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में [[अमृतसर]] शहर के निकट मजीठिया नामक [[गांव]] में एक ऐतिहासिक [[परिवार]] से थे।  

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दयाल सिंह मजीठिया (अंग्रेज़ी: Dyal Singh Majithia, जन्म- 1848, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1898, लाहौर, पाकिस्तान) पंजाब के क्रांतिकारी थे।[1]

  • दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में अमृतसर शहर के निकट मजीठिया नामक गांव में एक ऐतिहासिक परिवार से थे।
  • उनके पूर्वजों ने महाराजा रणजीत सिंह के यहाँ नौकरी की थी।
  • दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मजीठिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।
  • वे 1874 में इंग्लैण्ड गये और वहाँ पर दो वर्ष तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।
  • वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।
  • अपने राजनैतिक दृष्टिकोण में दयाल सिंह नरमपंथी थे।
  • उन्होंने अनेक शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी इसमें कॉलिज और पुस्तकालय भी शामिल थे।
  • 'द ट्रिब्युन' जिसने पंजाब में राष्ट्रवादी आन्दोलनों की वृद्धि की।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दयाल सिंह मजीठिया (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2017।

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  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी