आदित्यहृदय विधि: Difference between revisions

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
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*[[रविवार]] की [[संक्रान्ति]] के दिन [[सूर्य देवता|सूर्य]] के मन्दिर में आदित्यह्रदय नामक मन्त्र का 108 बार पाठ करना चाहिए।
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*[[रामायण]]<ref>रामायण ([[युद्धकाण्ड वा. रा.|युद्धकाण्ड]] 107)</ref> में ऐसा आया है कि [[अगस्त्य]] ने आकर [[राम]] से इस मन्त्र के पाठ की बात कही है, जिससे कि [[रावण]] के ऊपर विजय प्राप्त हो।  
*कृत्यकल्पतरु<ref>कृत्यकल्पतरु (19-20)</ref> में आया है कि किसी संक्रान्ति वाले रविवार को ह्रदय या आदित्यह्रदय कहा जाता है।
*कृत्यकल्पतरु<ref>कृत्यकल्पतरु (19-20)</ref> में आया है कि किसी संक्रान्ति वाले रविवार को हृदय या आदित्यहृदय कहा जाता है।


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Revision as of 14:42, 5 December 2010

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • रविवार की संक्रान्ति के दिन सूर्य के मन्दिर में आदित्यहृदय नामक मन्त्र का 108 बार पाठ करना चाहिए।
  • इस दिन केवल रात्रि में भोजन करना चाहिए।[1]
  • रामायण[2] में ऐसा आया है कि अगस्त्य ने आकर राम से इस मन्त्र के पाठ की बात कही है, जिससे कि रावण के ऊपर विजय प्राप्त हो।
  • कृत्यकल्पतरु[3] में आया है कि किसी संक्रान्ति वाले रविवार को हृदय या आदित्यहृदय कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड (2, 526)।
  2. रामायण (युद्धकाण्ड 107)
  3. कृत्यकल्पतरु (19-20)

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