सी. एम. पुनाचा: Difference between revisions
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अपने विद्यार्थी जीवन में ही सी. एम. पुनाचा '[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]]' में रुचि होने के कारण अध्ययन छोड़कर सन [[1930]] में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। सन [[1932]] तथा [[1933]] में उन्हें दो बार कारावास की सज़ा मिली। इसके बाद [[1940]]-[[1941]] में व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें फिर से कारावास की सज़ा काटनी पड़ी। सी. एम. पुनाचा वर्ष [[1942]]-[[1944]] में '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]] में नजरबंद रहे।<ref name="aa"/> | अपने विद्यार्थी जीवन में ही सी. एम. पुनाचा '[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]]' में रुचि होने के कारण अध्ययन छोड़कर सन [[1930]] में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। सन [[1932]] तथा [[1933]] में उन्हें दो बार कारावास की सज़ा मिली। इसके बाद [[1940]]-[[1941]] में व्यक्तिगत रूप से [[सत्याग्रह आंदोलन]] में भाग लेने के कारण उन्हें फिर से कारावास की सज़ा काटनी पड़ी। सी. एम. पुनाचा वर्ष [[1942]]-[[1944]] में '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]] में नजरबंद रहे।<ref name="aa"/> | ||
==राजनीतिक सक्रियता== | ==राजनीतिक सक्रियता== | ||
*[[वर्ष]] [[1935]] में सी. एम. पुनाचा कुर्ग ज़िला कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे। | *[[वर्ष]] [[1935]] में सी. एम. पुनाचा कुर्ग ज़िला कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे। |
Latest revision as of 05:18, 16 June 2018
सी. एम. पुनाचा
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पूरा नाम | चेप्पूदिरा मुथाना पुनाचा |
जन्म | 16 जून, 1910 |
जन्म भूमि | कुर्ग[1], कर्नाटक |
मृत्यु | 3 अगस्त, 1990 |
संतान | दो पुत्र तथा दो पुत्रियाँ |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | राजनीति |
विद्यालय | 'मरकरा विराजपेट' तथा 'सेंट अलायसिस कॉलेज', मंगलौर |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी तथा राज्यपाल |
नागरिकता | भारतीय |
कार्यकाल | राज्यपाल मध्य प्रदेश- 17 अगस्त, 1978 से 29 अप्रैल, 1980 तक। |
अन्य जानकारी | सी. एम. पुनाचा 1952-56 में कुर्ग के मुख्यमंत्री बने थे। नया मैसूर राज्य निर्मित होने पर सी. एम. पुनाचा 1956 में उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री रहे तथा बाद में गृह कार्य तथा उद्योग मंत्री रहे। |
चेप्पूदिरा मुथाना पुनाचा (अंग्रेज़ी: Cheppudira Muthana Poonacha ; जन्म- 16 जून, 1910, कुर्ग[2], कर्नाटक; मृत्यु- 3 अगस्त, 1990), जिन्हें आमतौर पर सी. एम. पुनाचा के नाम से जाना जाता है, स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनीतिज्ञ थे। वे कुर्ग में 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के सदस्यों में से एक थे। इनके पूर्वज कुर्ग राज्य के दीवान रहे थे। सी. एम. पुनाचा 1930 में स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए थे। आज़ादी के बाद वे कुर्ग के मुख्यमंत्री बने। मैसूर राज्य बनने पर सी. एम. पुनाचा 1956 में उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री रहे। इन्होंने उड़ीसा तथा मध्य प्रदेश में राज्यपाल के प्रतिष्ठित पद पर भी कार्य किया था।
जन्म तथा शिक्षा
चेप्पूदिरा मुथाना पुनाचा का जन्म 16 जून, 1910 में कर्नाटक के दक्षिण कुर्ग में 'उगूर' नामक ग्राम में हुआ था। उन्होंने कुर्ग में 'मरकरा विराजपेट' तथा 'सेंट अलायसिस कॉलेज', मंगलौर से शिक्षा प्राप्त की थी।[3]
- संतान
सी. एम. पुनाचा दो पुत्रों तथा दो पुत्रियों के पिता थे।
स्वतंत्रता सेनानी
अपने विद्यार्थी जीवन में ही सी. एम. पुनाचा 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन' में रुचि होने के कारण अध्ययन छोड़कर सन 1930 में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। सन 1932 तथा 1933 में उन्हें दो बार कारावास की सज़ा मिली। इसके बाद 1940-1941 में व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें फिर से कारावास की सज़ा काटनी पड़ी। सी. एम. पुनाचा वर्ष 1942-1944 में 'भारत छोड़ो आन्दोलन में नजरबंद रहे।[3]
राजनीतिक सक्रियता
- वर्ष 1935 में सी. एम. पुनाचा कुर्ग ज़िला कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे।
- 1938 में प्रान्तीय कमेटी की कार्यकारिणी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा कुर्ग ज़िला बोर्ड के लिए निर्वाचित हुए तथा 1941 में इसके अध्यक्ष भी रहे।
- सी. एम. पुनाचा सन 1945-1951 तक परिषद के कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे।
- वे 1947-1951 में संविधान सभा के सदस्य तथा अस्थायी संसद के सदस्य रहे।
मुख्यमंत्री
देश की आज़ादी के बाद सी. एम. पुनाचा 1952-1956 में कुर्ग के मुख्यमंत्री बने। नया मैसूर राज्य निर्मित होने पर सी. एम. पुनाचा 1956 में उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री रहे तथा बाद में गृह कार्य तथा उद्योग मंत्री रहे। सन 1959-1963 में भारतीय व्यापार निगम के सभापति भी रहे।
विदेश यात्रा
सन 1960 में सी. एम. पुनाचा पूर्व यूरोप के कुछ देशों को जाने वाले भारत सरकार के व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नेता रहे। वे 1961 में जापान को जाने वाले राज्य व्यापार निगम के प्रतिनिधि मंडल के नेता भी रहे। उन्होंने चेकोस्लोवाकिया, रूमानिया, हंगरी तथा यूगोस्वालिया आदि की भी यात्रा की।[3]
उच्च पदों पर कार्य
अप्रैल, 1964 में सी. एम. पुनाचा राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा 1 जनवरी से 24 जनवरी, 1966 तक वित्त मंत्रालय तथा 13 मार्च, 1967 से 1969 तक रेलवे मंत्री रहे।
राज्यपाल
सी. एम. पुनाचा उड़ीसा तथा मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे। उन्होंने 17 अगस्त, 1978 से 29 अप्रैल, 1980 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएँ दी थीं।
निधन
सी. एम. पुनाचा का निधन 3 अगस्त, 1990 को हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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