मिनजुर भक्तवत्सलम: Difference between revisions
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Revision as of 07:01, 22 January 2013
मिनजुर भक्तवत्सलम
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पूरा नाम | मिनजुर भक्तवत्सलम |
जन्म | 9 अक्टूबर, 1897 |
जन्म भूमि | चिंगलपट मद्रास (अब चेन्नई) |
मृत्यु | 31 जनवरी 1987 |
मृत्यु स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु |
नागरिकता | भारतीय |
आंदोलन | होमरूल लीग आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन |
जेल यात्रा | 1932 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में उन्होंने जेल की यातनाएं सहीं थी। |
कार्य काल | मुख्यमंत्री- 2 अक्टूबर 1963 – 6 मार्च 1967 |
अन्य जानकारी | ये मद्रास प्रांत (अब तमिलनाडु) के पूर्व मुख्यमंत्री थे। |
मिनजुर भक्तवत्सलम (अंग्रेज़ी:Minjur Bhaktavatsalam) प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी (जन्म: 9 अक्टूबर, 1897 - मृत्यु: 31 जनवरी 1987) और मद्रास प्रांत (अब तमिलनाडु) के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
जीवन परिचय
मिनजुर भक्तवत्सलम का जन्म 9 अक्टूबर, 1897 ई. को चिंगलपट में हुआ था। मद्रास से उन्होंने कानून की शिक्षा ली। राजनीति की ओर उनका आकर्षण विद्यार्थी जीवन से ही था और एनी बीसेंट के होमरूल लीग आन्दोलन में और रौलट बिल के विरोध में उन्होंने भाग लिया। उसी समय वे राजगोपालाचारी के संपर्क में आए और गांधी जी के प्रभाव से आन्दोलन में सक्रिय हो गए। 1932 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में और भारत छोड़ो आन्दोलन में उन्होंने जेल की यातनाएं सहीं थी।
कार्यकाल
1937 के मद्रास मंत्रिमंडल में भक्तवत्सलम ने सभा सचिव के रूप में प्रवेश किया। फिर वे मंत्री बन गए। 1946 में टी. प्रकाशूय के मंत्रिमंडल में बाद में राजा जी और कामराज के मंत्रिमंडल में भी वे केबिनेट मंत्री थे। जब कामराज ने ‘कामराज योजना’ के अंतर्गत अपना पद छोड़ दिया तो भक्तवत्सलम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। वे 1967 तक इस पद पर रहे। गांधी जी के रचनात्मक कार्यों में विश्वास करने वाले भक्तवत्सलम ने अपने मंत्रित्व और मुख्यमंत्रित्व के कार्यकाल में लोक कल्याण की अनेक योजनाएं अग्रसरित कीं। वे समाज सुधार और हरिजनोद्धार के कार्यों में तथा शिक्षा के प्रसार में भी पूरी रुचि लेते थे।
निधन
मिनजुर भक्तवत्सलम की मृत्यु 31 जनवरी 1987 को हुई थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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